श्रद्धेय योगऋषि परम पूज्य स्वामीजी महाराज की शाश्वत प्रज्ञा से नि:सृत शाश्वत सत्य...

श्रद्धेय योगऋषि परम पूज्य स्वामीजी महाराज की शाश्वत प्रज्ञा से नि:सृत शाश्वत सत्य...

जीवन के गूढ़ विषयों के विभिन्न सन्दर्भो को हम लिखते हैं इस बार आरोग्य के कुछ बड़े निष्कर्षों को हम आप तक संपे्रषित कर रहे हैं। शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक वैश्विक स्वास्थ्य के सूत्रों को हम यहां स्पष्ट रूप में लिख रहे हैं।
1- प्रतिदिन योग, यज्ञ, (अग्रिहोत्र या दीप यज्ञ) आयुर्वेदोक्त जीवनशैली के अनुरूप आचरण अर्थात आहार विचार, वाणी, व्यवहार, स्वभाव एवं संबंधो में सात्विकता प्रमाणिकता आचरण मं समग्रता के साथ सनातन शाश्वत् जीवन मूल्यों, नैतिक अध्यात्मिक मूल्यों के साथ जीवन को जीने वाले व्यक्ति को रोग, शोक, दु:, दारिद्रता का सामना ही नहीं करना पड़ता। योगी व्यक्ति समग्र, स्वस्थता, समृद्धि, सौभाग्य, सफलता, विजय पूर्ण प्रसन्नता के साथ जीवन को जीता है।
2- प्रतिदिन यज्ञ का तिलक करने वाले, गायत्री ओंकार या अन्य सनातन उपासना पंक्तियों के अनुरूप जप, तप, ध्यान, भजन, कीर्तन या पूजा पाठ करने  वाले पर संसार की किसी भी बुरी शक्ति का असर नहीं होता। अत: सनातन धर्मी को किसी भी गृह नक्षत्र भूतादि बाधाओं से कभी भी नहीं डरना चाहिए।
3- पसीना बहाओं, योगाभ्यास से बैलेंस बनाओं शरणागति में आवो, सनातन को जीवन में अपनाओं, सदा सकारात्मक प्रसन्न रहो, इन सूत्रों के अनुरूप सुबह से शाम तक एक अनुशासित एवं मर्यादित जीवन जीवों।
4- धन से आप मनचाही वस्तु खरीद सकते हो, भोजन से भूख, जल से प्यास बुझा सकते हो, स्नान से थकान मिटा सकते हो, खेती से अन्नादि बढ़ा सकते हो, व्यापार से अकूत धन-सम्पत्ति जुटा सकते हो, राजनीति से सत्ता पा सकते हो, किसी सही पंथ से या ग्रंथ से सही पथ पा सकते हो, विवाह से संसार बढ़ा सकते हो, संन्यास से संसार का उपकार कर सकते हो। योग से जीवन में सब कुछ पा सकते हो, अत: जीवन में योग सर्वोपरि है। योग ही सर्वाेपरि होना चाहिए। योगा के लिए कम से कम प्रात: 4 से 8 का समय देना चाहिए तथा दिनभर पूरी ईमानदारी से कर्म योग करना चाहिए। 14 घंटा योग, 14 घंटा कर्मयोग, 6 घंटा निद्रा योग निद्रा। यही योगमय जीवन मैं जीता हूँ और सारे संसार की सभी समस्याओं का यही समाधान है।
- वात के लिए बस्ति, कफ के लिए नस्य, पित्त के लिए कुंजर त्रिदोष के उपवास गिलोय, मस्तिष्क के लिए मेधावटी मेमोरी ग्रिट, आंख के लिए आईग्रिट महात्रिफला घृत, कान के लिए इयरग्रिट वटी ड्रोप, हार्ट के  लिए कार्डियोग्रिट हृदयामृत, मधुमेह के लिए मधुनाशिनी मधुग्रिट, हाई बीपी के लिए मुक्तावटी बीपी ग्रिट, थायराइड के लिए थायरोग्रिट धनिया पानी, प्रोस्टेट के लिए प्रास्पोग्रिट, लिवर के लिए लिवोग्रिट लिवामृत, किडनी के लिए रीनोग्रिट गोखरू, फेफेड़ों के लिए श्वासारि ब्रोनकोम, आर्थराइटिस के लिए अर्थोग्रिट पीड़ानिल गोल्ड, एसिडिटी के लिए एसिडोग्रिट एलोविरा, चर्म के लिए डर्योग्रिट सारोग्रिट, न्यूट्रिश्यन के लिए न्युट्रिला न्यूट्राश्युटिकल्स, फीवर के लिए फिवोग्रिट, टाइफाइड के लिए टाइफोग्रिट, प्लेटलेट्स के जिल प्लेटोग्रिट, हीमोग्लोबिन के लिए हिमोग्रिट, कैंसर के लिए सिस्टोग्रिट डायमंड।
ऐसी 100 से अधिक रिसर्च एंड एविडेंस बेस्ड मेडिसन बनाकर 2000 से अधिक रिसर्च प्रोटोकॉल्स को फालो करके 500 से अधिक रिसर्च पेपर इन्टरनेशनल रिसर्च जनरल्स में प्रकाशित करके पतंजलि योगायुर्वेद सनातन धर्म को विश्व में गौरव दिलवाया है।
स्वामी रामदेव

Advertisment

Latest News

परम पूज्य योग-ऋषि स्वामी जी महाराज की शाश्वत प्रज्ञा से नि:सृत शाश्वत सत्य........... परम पूज्य योग-ऋषि स्वामी जी महाराज की शाश्वत प्रज्ञा से नि:सृत शाश्वत सत्य...........
ओ३म 1. भारत का सामर्थ्य - रोगमुक्त इंसान एवं रोगमुक्त जहान् और न केवल रोगमुक्त, नशा, हिंसा, घृणा, विध्वंस, युद्ध...
पतंजलि ने आयुर्वेद को सर्वांगीण, सर्वविध रूप में, सर्वव्यापी व विश्वव्यापी बनाया
नेपाल में भूकंप पीडि़तों के लिए पतंजलि बना सहारा
पतंजलि विश्वविद्यालय में 'समग्र स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक चिकित्सा’ विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
शास्त्रों के अनुसार राजधर्म का स्वरूप
जीवन को निरोगी एवं स्वस्थ बनायें उपवास (Fasting)
हिन्दू नृवंश के विश्वव्यापी विस्तार के संदर्भ में आवश्यक विचार
स्वास्थ्य समाचार
हिपेटाइटिस
अनुशासन : योग का प्रथम सोपान