स्वदेशी शिक्षा क्रान्ति

आचार्यकुलम के नूतन परिसर का उद्घाटन कार्यक्रम

स्वदेशी शिक्षा क्रान्ति

    'आचार्यदेवो भव की शाश्वत मान्यता को आधुनिक जगत में पुन: प्रमाणित करने वाले व शिक्षा जगत् में नव-क्रान्ति का शंखनाद करने वाले आचार्यकुलम् शिक्षण संस्थान के नव-निर्मित भव्य परिसर का उद्घाटन उत्तराखण्ड के माननीय मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, संध के सरकार्यवाहक श्री भैय्या जी जोशी व अन्य गणमान्यों की उपस्थिति में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित भाई शाह के कर-कमलों से सम्पन्न हुआ।  इस अवसर पर नव-निर्मित परिसर में यज्ञ का अनुष्ठान भी किया गया। उद्घाटन के अनन्तर श्री अमित शाह जी ने कहा कि पुरातन भारतीय संस्कृति तथा आधुनिक शिक्षा का समन्वय 'आचार्यकुलम्मैकाले की दोषपूर्ण शिक्षा पद्धति का श्रेष्ठ विकल्प है। यहाँ से तेजस्वी, ओजस्वी व वैदिक संस्कार से सिंचित नागरिक तैयार होंगे जो भारत ही नहीं, अपितु पूरे विश्व में फैले विकारों का शमन करते हुए भारतीय संस्कृति का झण्डा गाड़ेंगे, ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है। विश्वभर में भारत और भारतीयता का सम्मान व स्वीकृति तीव्र गति से बढ़ रही है, जिसमें पतंजलि का महत्त्वपूर्ण योगदान है।
  • योग क्रान्ति के पश्चात् अब हम स्वदेशी शिक्षा क्रान्ति को गति दे रहे हैं: स्वामी जी महाराज
  • आचार्यकुलम् स्वदेशी शिक्षा का बेहतर विकल्प: श्रद्धेय आचार्य जी
  • पतंजलि की सभी गतिविधियाँ भारत को विश्वगुरु बनाने की ओर: श्री भैया जी जोशी
  • स्वदेशी को आधार देने का कार्य पतंजलि ने किया: आचार्य महामण्डलेश्वर
  वैदिक संस्कृति, संस्कृत, आध्यात्मिकता एवं आधुनिकता पर आधारित पतंजलि योगपीठ की बहुप्रतीक्षित योजना 'वैदिक शिक्षा बोर्डके गठन को लेकर मुख्य अतिथि श्री अमित शाह जी ने कहा कि कितनी भी कठिनाईयाँ आयें, स्वामी जी व आचार्य जी अपने लक्ष्य को लेकर दृढ़ हैं। मैं आश्वस्त करना चाहता हूँ कि इस दिशा में मेरे विचार प्रबल हैं। स्वदेशी शिक्षा का कार्य पतंजलि के सभी कार्यों में सबसे कठिन कार्य है, लेकिन यह कार्य भी वे सहजता से करके दिखायेंगे। उन्होंने कहा कि यदि हमारी शिक्षा प्रणाली हमारी संस्कृति के अनुरूप नहीं है तो विकास किसी काम का नहीं है। हमारी संस्कृति और शिक्षा के श्रेष्ठ गुणों को गौरव के साथ अपनाने का समय आ गया है।

19

उन्होंने कहा कि 10 हजार विद्यार्थियों के लिए आचार्यकुलम् तथा 1 लाख विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय की संकल्पना कोई छोटा कार्य नहीं है। स्वामी जी का लक्ष्य मात्र उन्हीं का लक्ष्य नहीं अपितु हम सबका लक्ष्य व कत्र्तव्य है। विगत 25 वर्षों से स्वामी रामदेव जी महाराज निरन्तर योग और स्वदेशी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 10 हजार करोड़ का टर्नऑवर करने वाली कम्पनी का सम्पूर्ण लाभांश देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जा रहा है।

67

इस अवसर पर पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि वैदिक संस्कृति, अध्यात्म और आधुनिक शिक्षा को लेकर अमित भाई शाह जी के आश्वासन से मैं अभिभूत हूँ। स्वामी जी ने कहा कि वर्ष 2013 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री तथा वर्तमान माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रभाई मोदी जी ने जिस आचार्यकुलम् संस्थान की शुरुआत की थी, आज वह संस्थान देश के 5 प्रामाणिक सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों में से एक है। योग, आयुर्वेद, स्वदेशी और वैदिक शिक्षा के कार्य में करोड़ों देशवासी हमारे साथ हैं। योग क्रान्ति के पश्चात् अब हम स्वदेशी शिक्षा क्रान्ति को गति दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आचार्यकुलम्, पतंजलि विश्वविद्यालय और पतंजलि गुरुकुलम् इस क्रान्ति का एक कदम मात्र है। हम आगे देशभर में लाखों विद्यार्थियों की शिक्षण व्यवस्था के लिए संकल्पित हैं। जब स्वामी श्रद्धानन्द जी व महामना मदन मोहन मालवीय जी ने सीमित संसाधनों में बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों का संचालन कर दिया तो हमारे साथ तो करोड़ों हाथ हैं, हम इस कार्य को निश्चित ही लक्ष्य तक पहुँचाकर रहेंगे। ऋषियों, शहीदों व क्रान्तिकारियों के सपनों का भारत बनाना हमारा परम ध्येय है।
इस अवसर पर श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि शिक्षा में स्वदेशी को लेकर आज पूरे देश में नया उत्साह देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि आचार्यकुलम् स्वदेशी शिक्षा का बेहतर विकल्प है।  आचार्यकुलम् में विद्यार्थियों के मानसिक विकास के साथ-साथ शारीरिक विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यहाँ विद्यार्थियों को हिन्दी, संस्कृत व अंग्रेेजी भाषाओं में पारंगत किया जा रहा है। उन्होंने आचार्यकुलम् के निदेशक, प्राचार्या व समस्त शिक्षकगणों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा कि वे भविष्य के भारत का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वदेशी शिक्षा का बोर्ड बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया जा चुका है तथा शीघ्र ही मैकाले की दोषपूर्ण शिक्षा का स्थान भारतीय स्वदेशी शिक्षा ले लेगी, ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाहक श्री भैया जी जोशी ने कहा कि पतंजलि के शिक्षा प्रकल्पों में जीवन में परिवर्तन लाने वाली शिक्षा प्रदान की जा रही है। यहाँ के वातावरण को देखकर लगता है कि भारत शीघ्र ही विश्वगुरु के पद पर आसीन होगा। पतंजलि की सभी गतिविधियाँ भारत को विश्वगुरु बनाने वाली हैं। उन्होंने कहा कि साम्राज्यवाद भारत की संस्कृति कभी भी नहीं रही, अपितु दुनिया की मार्गदर्शक रही है।
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री माननीय श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि आचार्यकुलम् का सुनियोजित तरीके से आधुनिक और प्राचीन शिक्षा का तालमेल भावी भारत के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र सेवा के इस महान् कार्य में हम पतंजलि के साथ हैं।
जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज ने कहा कि चिंतन की शुद्धता, चरित्र की शुचिता तथा आचरण की पारदर्शिता का मंत्र पतंजलि आचार्यकुलम् तथा पतंजलि वैदिक गुरुकुलम् आदि संस्थानों के माध्यम से दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यू.एन. के द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा और कुम्भ को विश्व धरोहर की मान्यता मिलने के साथ यह सिद्ध हो गया है कि भारत दुनिया का मार्गदर्शक अर्थात् विश्वगुरु बन गया है। हमारी संस्कृति लोकमंगल और विश्वकल्याण के लिए रही है। जूनापीठाधीश्वर ने कहा कि पूज्य स्वामी रामदेव जी ने सम्पूर्ण विश्व को भोर में जागरण कराया है। उन्होंने कहा कि 100 साल तक स्वदेशी के गीत गाये गये लेकिन उसे आधार देने का कार्य पतंजलि ने किया। यहाँ वस्तुओं का निर्माण ही नहीं अपितु भारत का निर्माण हो रहा है।
पूज्य स्वामी गोविन्ददेव गिरि जी महाराज ने कहा कि भारत ज्ञान की आभा में रहने वाला देश है लेकिन लम्बे समय तक गुलामी में रहने के कारण युवा अंग्रेजी शिक्षा को ही श्रेष्ठ मानने लगे। लेकिन यह साक्षात झूठ है। देश में पुनर्जागरण की आवश्यकता है। भगवान् ने स्वामी रामदेव जी को इसी कार्य के लिए भेजा है। स्वामी जी के कार्यों में कन्धे से कन्धा मिलाकर चलने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर पूज्य स्वामी जी महाराज व श्रद्धेय आचार्य जी के साथ समस्त संतों ने श्री अमित शाह जी को अभिनन्दन पत्र भेंट किया। कार्यक्रम के पश्चात् अतिथिगणों ने वर्तमान आचार्यकुलम् परिसर, पतंजलि अनुसंधान संस्थान तथा पतंजलि योगपीठ-। का भ्रमण किया।
कार्यक्रम में हरिद्वार सांसद श्री रमेश पौखरियाल 'निशंक’, राज्यसभा सांसद श्री अनिल बलूनी, उत्तराखण्ड के शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक, महन्त रविन्द्रपुरी जी महाराज, स्वामी हरिचेतनानन्द जी महाराज, कोठारी प्रेमदास जी महाराज आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में आचार्यकुलम् के छात्र-छात्राओं ने योग, संस्कृत भाषण व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुतियों से सभी  अतिथिगणों का मन मोह लिया। 

68

21

यज्ञ करके आचार्यकुलम् का उद्घाटन करते भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित भाई शाह, पूज्य स्वामी जी महाराज, श्रद्धेय आचार्य जी तथा श्री सुरेश भैय्या जी जोशी

22

23

दीप प्रज्ज्वलन करते मुख्य अतिथि तथा ऋषिद्वय (बायें) तथा आचार्यकुलम् के नवीन परिसर का भ्रमण करते अतिथिगण (दायें)

25

26

माल्यार्पण कर मुख्य अतिथि श्री अमित भाई शाह का अभिनंदन करते पूज्य स्वामी जी महाराज एवं श्रद्धेय आचार्य जी महाराज

69

29

श्री अमित शाह को अभिनंदन-पत्र भेंट करते पूज्यवर (बायें) तथा उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को शॉल ओढ़ाकर अभिनन्दन करते श्रद्धेय आचार्य जी 

27

28

आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज तथा स्वामी गोविन्द देव गिरि जी महाराज का अभिनंदन करते श्रद्धेय आचार्य जी

24

पूज्य स्वामी जी महाराज तथा श्रद्धेय आचार्य जी के साथ मंचासीन पूज्य संतगण एवं सम्मानित अतिथिगण

Advertisment

Latest News

परम पूज्य योग-ऋषि श्रद्धेय स्वामी जी महाराज की शाश्वत प्रज्ञा से नि:सृत शाश्वत सत्य ... परम पूज्य योग-ऋषि श्रद्धेय स्वामी जी महाराज की शाश्वत प्रज्ञा से नि:सृत शाश्वत सत्य ...
ओ३म 1. सनातन की शक्ति - वेद धर्म, ऋषिधर्म, योग धर्म या यूं कहें कि सनातन धर्म के शाश्वत, वैज्ञानिक,...
अतिथि संपादकीय
डेंगुनिल डेंगू का सफल उपचार
अर्धसत्य से अंधकार फ़ैलता है
आर्थराइटिस
इन्द्रलुप्त (ऐलोपेसिया) आयुर्वेदीय उपचार
मोटापा एक विश्वव्यापी समस्या जीवनशैली जनित रोग
आयुर्वेदिक औषधि Bronchom है, स्टेरॉयड से अधिक प्रभावशाली, Peer-reviewed अंतरराष्ट्रीय जर्नल Molecular Medicine में शोध प्रकाशित
भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के संबंधों का स्वरूप
अमेरिका के रिसर्च जर्नल Scientific Reports के अनुसार आयुर्वेदिक औषधि रीनोग्रिट है किडनी रोगो के लिए है प्रभावशाली उपचार