अनुभूति आपकी

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नेत्र रोग (ऑप्टिक न्युरैटिस) से मिला छुटकारा

मैं ऑप्टिक न्युरैटिस नाम की आँखों की बीमारी से पीडि़त था तथा मुझे धुँधला दिखाई देता था। मैं ८-१० वर्ष की उम्र से ए.आई.आई.एम.एस., दिल्ली से इलाज करवा रहा था। वहाँ मुझे इंजेक्शन द्वारा स्टेरॉयड दिया जाता था जिससे काफी समय तक मैं ठीक रहता था। परन्तु वर्ष २०१३-१४ में यह बीमारी बढ़ती गई तथा ६ से ८ महीने में ही यह दौबारा होने लगी। ए.आई.आई.एम.एस., दिल्ली में ही मेरी एम.आर.आई., सी.एस.एफ. तथा अन्य जाँच कराई गई। जाँच के बाद भी मुझे इस बीमारी का काई कारण नहीं बताया गया। उनके इस व्यवहार से मैं निराश हो गया। इसके उपरान्त वर्ष २०१५ में मैं पतंजलि योगपीठ में उपचार के लिए आया जहाँ डॉ. दयाशंकर जी ने मुझे बताया कि इस बीमारी के इलाज में थोड़ा समय लगेगा। मेरा उपचार लगभग ३.५ वर्ष चला। अब मैं पूर्ण स्वस्थ हूँ। डॉ. दयाशंकर ने मुझे लगातार योग करने की सलाह दी है जिसका मैं पूर्ण रूप से पालन कर रहा हूँ।
भवदीय, सचिन कुमार, नई दिल्ली
 

दो महीने में भगंदर रोग हुआ छू-मंतर

मैं पिछले २ वर्ष से भगंदर रोग से पीडि़त था। फिस्टुला के रास्ते पस तथा खून का आना लगा रहता था। मैं पतंजलि में डॉ. सौरभ से मिला। उन्होंने मुझे फिस्टुला के विषय में विस्तार से बताया तथा आश्वस्त किया कि मैं पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाऊँगा। क्षार सूत्र द्वारा शल्य क्रिया तथा पतंजलि की आयुर्वेदिक औषधियों का मुझ पर चमत्कारिक प्रभाव हुआ। साथ ही योग व प्राणायाम के अभ्यास से मात्र दो महीने के उपचार से मैं अब पूरी तरह स्वस्थ हूँ। पूज्य स्वामी जी महाराज, श्रद्धेय आचार्य जी महाराज को मेरा प्रणाम तथा डॉ. सौरभ का आभार।  भवदीय,
शिवम चौधरी, रूड़की, हरिद्वार

एलर्जी में लाभकारी षट्कर्म क्रियाएँ

मैं पिछले ५ वर्षों से फूड एलर्जी, ब्रोंकाइटिस, वातज प्रतिश्याय तथा एलर्जिक राइनाइटिस से ग्रसित थी। कई जगह इलाज कराया किन्तु कोई फायदा नहीं हो रहा था। पिछले साल मैं पतंजलि योगपीठ आई और षटकर्म विभाग में डॉ. सचिन त्यागी से मिली। उनके मार्गदर्शन में मुझे शंख प्रक्षालन, कुंजर क्रिया, जल नेति, सूत्र नेति, योग निद्रा आदि षट्कर्म की क्रियाएँ कराई गई। साथ ही लक्ष्मीविलास रस तथा संजीवनी वटी आयुर्वेदिक औषध के रूप में दी गई। अब मैं पूर्ण स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रही हूँ।
भवदीया, रुचि श्रीवास्तव, जबलपुर, मध्य प्रदेश

वजन कम करने में सर्वश्रेष्ठ है योग

मे रा वजन जुलाई २०१८ में ८७ किग्रा. था। ज्यादा वजन के कारण मुझे साँस लेने में काफी तकलीफ रहती थी। मैंने पतंजलि आकर डॉ. नृपेन्द्र पाण्डेय से परामर्श लिया। उन्होंने मुझे निरन्तर पूज्य स्वामी जी महाराज द्वारा बताए गए योग व आठों प्राणायाम करने की सलाह दी। साथ ही कुछ आयुर्वेदिक औषधियों से उपचार प्रारंभ किया। निरन्तर योग व प्राणायाम के अभ्यास से मानो मेरा कायाकल्प हो गया। मेरा वजन अब ६५ किग्रा. है तथा मैं आनन्दपूर्ण जीवन का लाभ ले रही हूँ
भवदीया, रजनी देवी, मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश

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