आचार्यकुलम् में ‘एजुकेशन फॉर लीडरशिप’ के तहत मानस गढक़र विश्व नेतृत्व को तैयार हो रहे युवा

आचार्यकुलम् में ‘एजुकेशन फॉर लीडरशिप’ के तहत मानस गढक़र विश्व नेतृत्व को तैयार हो रहे युवा

  • हरिद्वार की इकाइयों से कई गुना बड़ा व विस्तृत स्वरूप होगा हरियाणा में स्थापित होने जा रहे आचार्यकुलम्, पतंजलि ग्लोबल गुरुकुलम्, पतंजलि ग्लोबल विश्वविद्यालय तथा पतंजलि वेलनेस की इकाइयों का : पूज्य स्वामी जी महाराज
  • हम आचार्यकुलम् के माध्यम से माइंड क्रिएशन कर सशक्त मानस गढ़ रहे हैं : पूज्य स्वामी जी महाराज
  • हरियाणा में जल्द शुरू होगी पतंजलि की बड़ी शिक्षा क्रांति : पूज्य आचार्य जी महाराज
  • पतंजलि की महत्वाकांक्षी सेवाओं में हरियाणा सरकार करेगी पूर्ण सहयोग : हरियाणा मुख्यमंत्री
     हाल ही में आचार्यकुलम् का 12वाँ वार्षिकोत्सव ‘एजुकेशन फॉर लीडरशिप’ की थीम के साथ पतंजलि विश्वविद्यालय के विशाल सभागार में मनाया गया। इस अवसर पर हरियाणा राज्य के माननीय मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी मुख्य अतिथि के रूप में पधारे तथा पतंजलि के शिक्षा अभियान की भरपूर सराहना की।
आचार्यकुलम् का उद्देश्य विद्यार्थियों को विश्व नेतृत्व के लिए गढऩा
स्वामी जी ने कहा कि मैं हमेशा दो बातों के ऊपर बल देता हूँ जिसमें पहला है हमारा वैचारिक अधिष्ठान तथा दूसरा उस विचार, संस्कार व स्वाभिमान को जीना है। उन्होंने बताया कि इस आचार्यकुलम् के वार्षिकोत्सव की थीम ‘एजुकेशन फॉर लीडरशिप’ है। एजुकेशन फॉर लीडरशिप से अभिप्राय बच्चों में वह सामथ्र्य गढऩे से है जिससे वे शिक्षित-दीक्षित होने के उपरान्त विभिन्न क्षेत्रों में विश्व का नेतृत्व कर सकें। हम अपने विद्यार्थियों में वह सामर्थ्य गढऩा चाहते हैं। हम उनके भीतर उत्तम व्यक्तित्व, नेतृत्व व चरित्र विकसित कर उन्हें अपने कुलवंश व भारतवर्ष को गौरव बढ़ाने वाले बनाना चाहते हैं। हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों में वह सामथ्र्य गढऩा है जो ऋषि वशिष्ठ ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम में गढ़ा, ऋषि संदीपनी ने योगेश्वर श्री कृष्ण में गढ़ा, चाणक्य ने चंद्रगुप्त में गढ़ा, स्वामी विरजानंद ने महर्षि दयानंद में गढ़ा और गुरु विद्यारण्य स्वामी जी ने राजा कृष्णदेव राय में गढ़ा था।

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एक विचार संपूर्ण व्यक्तित्व को रूपांतरित कर सकता है
स्वामी जी महाराज ने कहा कि जीवन में विचार का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। केवल एक विचार मनुष्य का पूरा व्यक्तित्व परिवर्तित कर देता है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम, सम्राट चंद्रगुप्त, महर्षि दयानंद सरस्वती, रानी लक्ष्मीबाई, रानी वेलू नचियार आदि सभी का व्यक्तित्व एक विचार से ही बना है। यहाँ तक की स्वामी रामदेव भी एक विचार का ही परिणाम है। गुरुकुल में हमने स्वदेशी का संकल्प लिया और इस विचार ने मुझे रामदेव बना दिया। हम आचार्यकुलम् के माध्यम से माइंड क्रिएशन कर सशक्त मानस गढ़ रहे हैं।
विद्यार्थी अभिनय के द्वारा पात्र की पात्रता को अपने जीवन में आत्मसात कर लेता है
वार्षिकोत्सव कार्यक्रमों में थीम के अनुसार विभिन्न महापुरुषों-  श्री राम, श्री कृष्ण, कृष्णदेव राय, विद्यारण्य स्वामी जी, महाराणा प्रताप, चंद्रगुप्त मौर्य, महर्षि दयानंद, रानी लक्ष्मीबाई सहित परम पूज्य स्वामी जी व परम श्रद्धेय आचार्यश्री के चरित्रों व नेतृत्व से समाहित प्रेरक झाँकी का मंचन किया गया। शिक्षा नीति में बदलाव कर हमारी गौरवपूर्ण संस्कृति को धूमिल करने का षड्यंत्र मैकाले ने किया। पाठ्यक्रम में कई महान व्यक्तित्वों को स्थान ही नहीं दिया गया। यदि उनके विषय में बच्चे जानें तो उनके समान महान बन सकते हैं तथा उनमें नेतृत्व क्षमता विकसित हो सकती है। स्वामी जी ने बताया कि इन प्रसंगों व नाटकों के माध्यम से विद्यार्थियों में नेतृत्व की भावना को विकसित करना है। उनकेमन में एक विचार का बीजारोपण करना है जो उनके जीवन को एक दिशा दे सके। एक विचार को मन में धारण करना और उसे आत्मसात करके जीना, यही जीवन का परम सत्य है। इस भाव चेतना के साथ महापुरुषों पर आधारित कहानियों के दृष्टांत को अभिनय के द्वारा जब एक विद्यार्थी निभाता है तो उस पात्र की पात्रता को अपने जीवन में आत्मसात कर लेता है। जिससे उसके भीतर एक अलग प्रकार का वैचारिक अधिष्ठान निर्मित्त हो जाता है और उसके भीतर व रच-बस जाता है। हमने जिन उदाहरणों को, जिन आदर्शों को बहुत बार सुना है, उनको तो रखा ही है, लेकिन कुछ ऐसे आदर्श उदाहरण, ऐसे प्रसंग जिन पर कम ध्यान गया है उनको भी समाहित करने का प्रयास किया है। इसलिए हमने राजा कृष्णदेव राय, विद्यारण्य स्वामी जी, महाराणा प्रताप के साथ वीरों के योगदान को यहां पर रेखांकित किया। बच्चों के द्वारा उनका प्रसंग एक मात्र नाटक नहीं है। ये उनके जीवन की वास्तविकता बनेगा और इस देश की तकदीर व तस्वीर बदलेगा। इन्हीं भावनाओं के साथ इन बच्चों के माध्यम से ये प्रस्तुतियां दी गईं।

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महापुरुषों का जीवन दर्शन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम व योगेश्वर श्रीकृष्ण
पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि श्री राम ने अपने आचरण व सम्पूर्ण जीवन से कई मर्यादाएँ स्थापित कीं। आदर्श राजा के साथ-साथ उन्होंने आदर्श पुत्र, आदर्श भाई, आदर्श पति आदि मर्यादाएँ स्थापित कीं। उनका सम्पूर्ण जीवन एक दर्शन है। उनसे प्रेरणा लेकर व्यक्ति जीवन को मर्यादित बना सकता है। इसी प्रकार योगेश्वर श्रीकृष्ण ने महर्षि संदीपनी से ६४ कलाओं की शिक्षा ली और अपने कला-कौशल व शौर्य से पाप का अंत किया। इनकी विचित्र लीलाओं में जीवन का रहस्य छिपा है।
चाणक्य व सम्राट चंद्रगुप्त
स्वामी जी महाराज ने बताया कि चंद्रगुप्त मौर्य, मौर्य वंश के संस्थापक थे। चंद्रगुप्त द्वारा मगध क्षेत्र में पाटलिपुत्र में शक्तिशाली नंद वंश को उखाड़ फेंकने में आचार्य चाणक्य की महत्वपूर्ण भूमिका रही। आचार्य चाणक्य एक कुशल कूटनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री व कुशल राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने नंदवंश का नाश करने के लिए चन्द्रगुप्त मौर्य जैसे साधारण व्यक्ति को चुना और अपनी कूटनीतियों व राजनैतिक विद्वतता से सम्राट बना दिया। चंद्रगुप्त ने मगध के अत्याचारी शासकों से त्रस्त जनता को मुक्ति दिलाने के लिए आचार्य चाणक्य की सहायता ली और अपना राज्य स्थापित किया।
महर्षि दयानंद सरस्वती व स्वामी विरजानंद जी
महर्षि दयानन्द सरस्वती आधुनिक भारत के विचारक, चिन्तक तथा आर्य समाज के संस्थापक थे। उन्होंने वेदों के प्रचार-प्रसार के लिए आर्यसमाज की स्थापना की। वेदों की पुन:प्रतिष्ठा के लिए उन्होंने ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा दिया और वेदों को अपनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने अपने गुरु स्वामी विरजानंद के स्वप्रों को साकार करने के लिए गुरुकुलों की स्थापना की। हम उन्हें एक आदर्श पुरुष के रूप में मानते हैं।
हरियाणा में जल्द स्थापित होंगे आचार्यकुलम्, पतंजलि ग्लोबल गुरुकुलम्, पतंजलि ग्लोबल विश्वविद्यालय तथा पतंजलि ग्लोबल वैलनेस
कार्यक्रम में पूज्य स्वामी जी महाराज ने घोषणा करते हुए बताया हम पतंजलि के माध्यम से जल्द ही हरियाणा में आचार्यकुलम्, पतंजलि ग्लोबल गुरुकुलम्, पतंजलि ग्लोबल विश्वविद्यालय तथा पतंजलि ग्लोबल वैलनेस प्रारंभ करने जा रहे हैं जिसका स्वरूप हरिद्वार की इकाइयों से कई गुना बड़ा व विस्तृत होगा। इन प्रकल्पों की स्थापना से लाखों लोग शिक्षा-दीक्षा, संस्कार और सनातन का बोध प्राप्त कर सकेंगे। शिक्षा, चिकित्सा, सांस्कृतिक, वैचारिक, रोगों, भोगों की गुलामी, ग्लानि व कुण्ठाओं के स्थान पर भारतीय शिक्षा, चिकित्सा, धर्म-अर्थ-काम व मोक्ष के पुरुषार्थ चतुष्ट्य का दर्शन पूरा होगा।
पतंजलि जल्द करेगा हरियाणा में शिक्षा की बड़ी क्रांति
कार्यक्रम में परम श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी को पतंजलि में आमंत्रित कर शैक्षणिक गतिविधियों से परिचय कराने का उद्देश्य हरियाणा में पतंजलि द्वारा शिक्षा की बड़ी क्रांति प्रारंभ करने से पहले उनके मन में उसका बीजारोपण करना था। उन्हें दिखलाना था कि पतंजलि के शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों को विश्व नेतृत्व के लिए कैसे तैयार किया जा रहा है। हम सनातन के गौरव को पुन: धरातल पर उतारने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उसी के मूत्र्त रूप को हम अपने कर्म, व्यवहार व आचरण के द्वारा दिखाने का प्रयास करते हैं।
पतंजलि की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की पूर्ति में हरियाणा सरकार करेगी पूर्ण सहयोग : हरियाणा मुख्यमंत्री
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे हरियाणा प्रान्त के मुख्य मंत्री श्री नायब सिंह सैनी जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि ‘मैं गद्गद हूँ कि परम पूज्य स्वामी जी महाराज अपनी जन्मभूमि हरियाणा की धरती पर वर्तमान से सौ गुना अधिक क्षमता के पतंजलि ग्लोबल आचार्यकुलम्, पतंजलि ग्लोबल विश्वविद्यालय तथा पतंजलि वेलनेस निर्माण की योजना पर कार्य कर रहे हैं। हरियाणा सरकार इन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की पूर्ति में पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी।
वार्षिकोत्सव में गरिमामयी उपस्थिति
समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष स्वामी रवीन्द्र पुरी जी महाराज तथा स्वामी हरिचेतनानंद जी महाराज आदि संतों की गरिमामयी उपस्थिति रही। सभी ने पतंजलि योगपीठ परिवार द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थानों व सेवा प्रकल्पों की भरपूर सराहना की।
शैक्षणिक व क्रीड़ा प्रतियोगिताओं में विजेता विद्यार्थी पुरस्कृत
इस भव्य कार्यक्रम में परम पूज्य स्वामीजी द्वारा सत्र 2023-24 के कक्षा 5-12 में प्रथम-द्वितीय-तृतीय स्थान प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों को 1.5 लाख रुपए के नकद पुरस्कार प्रदान किए गए। साथ ही विविध योग, क्रीड़ा व कला प्रतियोगिताओं में विजयी विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया। आदर्श विद्यार्थी सम्मान अनमोल व प्रतिभा को तथा सर्वश्रेष्ठ सदन का पुरस्कार आपस सदन को मिला।
इस पावन अवसर पर यूरोपियन अंतर्राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के अध्यक्ष प्रो. रोबर्टो जी, भारत में अंतर्राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के अध्यक्ष प्रो. आशुतोष मोहंती जी, आचार्यकुलम् की उपाध्यक्षा आदरणीया डॉ. ऋतंभरा शास्त्री ‘बहन जी’, प्राचार्या श्रीमती स्वाति मुंशी जी, उप-प्राचार्य श्रीतापस कुमार बेराजी, स्वामी अर्जुनदेव जी, समन्वयिका श्रीमती दीपाजी, मुख्य छात्रावास अधीक्षक व क्रीड़ाध्यक्ष श्री अमित जी, सभी संन्यासीगण, आचार्यवृंद, कर्मचारीगण, विद्यार्थी व अभिभावकगण सहित सम्पूर्ण पतंजलि परिवार उपस्थित रहा।
आवासीय शिक्षण संस्थान ‘आचार्यकुलम्’
आचार्यकुलम, कक्षा 5 से 12 तक के लिए अपनी तरह का एक आवासीय, सह-शिक्षा सीबीएसई संबद्ध विद्यालय है, जिसकी स्थापना 2013 में परम पूज्य योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज और आयुर्वेद शिरोमणि श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी के दिव्य आशीर्वाद और मार्गदर्शन से की गई थी। आचार्यकुलम में, छात्र-छात्राओं को सर्वांगीण शिक्षा प्रदान की जाती है जो वैदिक और आधुनिक शिक्षा (सीबीएसई) का एक सुंदर मिश्रण है। हमारा मानना ​​है कि बुद्धिमत्ता और चरित्र ही सच्ची शिक्षा का मार्ग है।
आचार्यकुलम् में प्रवेश संबंधी जानकारी
सत्र 20२५-202६ के लिए कक्षा ५ से ९ तथा कक्षा ११ (बालक एवं बालिकाओं) हेतु प्रवेश प्रारंभ हैं।
प्रवेश परीक्षा संवाद के लिए www.acharyakulam.org पर ऑनलाइन पंजीकरण सोमवार, दिनांक १८ नवंबर २०२४ से शुरू हो रहा है। ‘संवाद’ के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की अंतिम तिथि शुक्रवार, दिनांक २० दिसम्बर २०२४ है। पंजीकरण शुल्क १३०0 रुपये है। ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा की तिथि रविवार, दिनांक ०५ जनवरी 202५ है। पंजीकरण फॉर्म भरते समय ऑनलाइन परीक्षा केंद्र का चयन किया जा सकता है।
प्रवेश हेतु  आयु सीमा
1 अप्रैल, 202५ तक कक्षा ५ के लिए आयु सीमा
कक्षा ५ के लिए     : 9 से 11 वर्ष
कक्षा ६ के लिए : 10 से 12 वर्ष
कक्षा ७ के लिए : 11 से 13 वर्ष
कक्षा ८ के लिए : 12 से 14 वर्ष
कक्षा ९ के लिए : 13 से 15 वर्ष 
परीक्षा केंद्र
1. जम्मू, 2. चंडीगढ़, 3. दिल्ली, 4. हिसार, 5. करनाल, 6. जालंधर, 7. हरिद्वार, 8. बरेली, 7. लखनऊ, १0. नोएडा, 11. प्रतापगढ़, १२. वाराणसी, १३. जयपुर, १४. जोधपुर, 15. भोपाल, 16. इंदौर, 17. जबलपुर, 18. अहमदाबाद, 19. सूरत, 20.पटना, 21.मुजफ्फरपुर, 22.भागलपुर, 24. धनबाद, 25. रायपुर, 26.कोलकाता, 27. जलपाईगुड़ी, 28. गुवाहाटी, 29. भुवनेश्वर, 30. मुंबई, 31. नागपुर, ३2. पुणे, 33. हैदराबाद, 34. बेंगलुरु तथा 35. चेन्नई।
मुख्य विशेषताएँ
  • अंग्रेजी माध्यम में सी.बी.एस.ई. पाठ्यक्रम के साथ संस्कृत माध्यम में वैदिक शिक्षा का समावेश।
     
  • बालकों व बालिकाओं हेतु अलग-अलग शिक्षण कक्ष व छात्रावास।
     
  • स्मार्टक्लास बोर्ड से सुसज्जित कक्षाएँ।
     
  • प्रतिदिन योग- हवन (यज्ञ)
     
  • वातानुकूलित छात्रावास सुविधा।
     
  • संतुलित व पोषक, शुद्ध शाकाहारी भोजन।
     
  • सुयोग्य व अनुभवी आचार्यवृन्द।
     
  • स्तरीय कला-विज्ञान व कम्यूटर प्रयोगशालाएँ।
     
  • सुव्यवस्थित हरित व स्वच्छ परिसर।
     
  • विविध खेलों के कुशल प्रशिक्षकगण।
     
  • विश्वस्तरीय बास्केटबाल, कबड्‌डी व हैन्डबाल के सिंथेटिक कोर्ट।
     
  • वातानुकूलित बहु-उद्देशीय हॉल - इंडोर स्पोर्टस सुविधा।
     
  • विद्यार्थियों हेतु नियमित कार्यशालाएँ।
     
  • 24x7 विद्युत आपूर्ति व आर.ओ. शोधित पेय जल।
     
  • 24x7 चिकित्सा वाहन व चिकित्सक की उपलब्धता।
     
  • 24x7 सुरक्षाकर्मियों व सी.सी.टी.वी. द्वारा निगरानी।
नोट : 
प्रवेश परीक्षा ‘संवाद’ का परिणाम हमारे स्कूल की वेबसाइट- www.acharyakulam.org पर घोषित किया जाएगा। 
अधिक जानकारी के लिए संपर्क सूत्र
पता : आचार्यकुलम, पोस्ट-पतंजलि योगपीठ, पतंजलि योगपीठ चरण-1 के पास, एनएच-58, हरिद्वार-249405, उत्तराखंड। 
दूरभाष : +91-1334-273400, 8954890551, 8954890253 
ई-मेल : info@charyakalam.org
वेबसाइट : www.acharyakulam.org

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