अनुभूति आपकी
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वृक्क निष्क्रियता (ष्टक्रस्न) से मुक्ति मिली
मेरे पास वृक्क निष्क्रियता का रोगी आया, उसका नाम कालीचरण, उम्र ७० वर्ष, पुरुष, निवासी-अलीगढ़, यू.पी. से। रोगी 26/08/2017 को कमजोरी, श्वासकास, उल्टी (मिचली) की शिकायत के साथ बहिरंग विभाग (OPD) में आया था, उसे अन्तरंग विभाग (IPD) में प्रविष्ट किया गया। रोगी ने 10 दिन तक आतुरालय में रहकर आयुर्वेद चिकित्सा कराई। उसका रक्त परीक्षण क्रमश: 26/08/2017 व 05/09/2017 तिथियों को किया गया जो निम्र प्रकार रहा और स्वस्थ होने का संकेत करता है-
Date 26/08/2017 05/09/2017
Hb% 11.7 gm% 11.8 gm%
Serum Urea 131.6 mg% 46.6 mg%
Serum Cretinine 4.6 mg% 1.9 mg%
ESR 50 mm 38 mm
आयुर्वेद चिकित्सा
रोगी को पतंजलि आयुर्वेद संबंधित निम्र औषधियां निश्चित अनुुशासन में दी गयी, जो उत्कृष्टता के साथ कारगर रही। वे औषधियां हैं-
1. वृक्क दोषहर क्वाथ + तृण पंचमूल क्वाथ (20-20 मिली. दिन में दो बार)
2. गिलोय घन वटी 2-2 गोली दिन में ३ बार
गोक्षुरादि गुग्गुल 2-2 गोली दिन में ३ बार
वृक्क दोषहर वटी 2-2 गोली दिन में ३ बार
3. स्व: रक्त चिकित्सा (Auto homeotherapy) ३ मिली. एक दिन छोड़कर।
उपरोक्त चिकित्सा से आशातीत लाभ हुआ। रोगी ने पतंजलि चिकित्सालय को अपने जीवन के साथ-साथ संपूर्ण धरा के लिए वरदान बताया।
भवदीय,
प्रो. चन्द्र मोहन कंसल, एम.डी. (आयु.)
थैलेसिमिया में 95 प्रतिशत लाभ
झे थैलेसिमिया की शिकायत है। इसका पता मुझे मेदांता हॉस्पिटल, गुड़गाँव से चला। चैकअप कराने के बाद डॉक्टर ने खून चढ़ाने की सलाह दी जिससे मैं सहमत नहीं था।
बाद में मुझे पतंजलि के बारे में पता चला, जहाँ डॉ. एस.सी. मिश्रा जी को दिखाने के बाद मुझे बहुत फायदा हुआ। उपचार के क्रम में मुझे सर्वकल्प क्वाथ, कुमार कल्याण रस, अमृतासत, कहरवा पिष्टी, मुक्ता पिष्टी, प्रवाल पिष्टी, आरोग्य वर्द्धिनी वटी, कैशोर गुग्गुल लेने की सलाह दी गई। इसके साथ प्राकृतिक उपचार के क्रम में गेहूँ ज्वारे का रस, गिलोय रस, घृतकुमारी रस आदि भी शामिल किया गया।
मुझे 95 प्रतिशत लाभ मिल चुका है और अभी भी स्वास्थ्य लाभ ले रहा हूँ। पतंजलि से इलाज कराने के बाद मैं संतुष्ट हूँ।
भवदीय,
अनुपम खट्टर, रामनगर, रुड़की, हरिद्वार।
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