अनुभूति आपकी
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पतंजलि में मिली हृदय रोग से मुक्ति
मुझे कभी-कभी सीने में बाँयी ओर दर्द होने लगा था। साँस फूलना तथा पैरों में सूजन आम बात हो गई थी। जाँच कराने पर हृदय रोग का पता चला। वर्ष 2013 में बी.एच.यू. में एलोपैथी से उपचार प्रारंभ कराया किन्तु कोई विशेष लाभ न मिलने पर वर्ष 2016 में मैं आयुर्वेद की शरण में आ गया। मैं पतंजलि आयुर्वेद हॉस्पिटल आया जहाँ डॉ. एस.सी. मिश्रा (प्रोफेसर-काय चिकित्सा) ने मुझे अर्जुन क्वाथ, मोती पिष्टी, संगेयाशव पिष्टी, अकीक पिष्टी, योगेन्द्र रस, जहरमोहरा पिष्टी, गिलोय सत, हृदयामृत वटी, आरोग्वर्धिनी वटी तथा चन्द्रप्रभावटी आदि औषधियाँ लेने की सलाह दी व योग प्राणायाम बताए। औषधियों के निरन्तर सेवन तथा योग व प्राणायाम ने मेरा कायाकल्प कर दिया। पूज्य स्वामी जी व आचार्य जी की कृपा से मैं अब बिल्कुल स्वस्थ अनुभव कर रहा हूँ।
भवदीय, शेषमणि पाण्डेय, भदोही, उत्तर प्रदेश
त्वचा रोग 'सोरायसिस’ हुआ जड़ से खत्म
मैं पिछले 5.5 वर्ष से एक-कुष्ठ या सोरायसिस नाम के भयानक त्वचा रोग से ग्रसित था। मैंने एलोपैथ तथा होम्योपैथ दोनों चिकित्सा पद्धतियों से उपचार किया किन्तु रोग ठीक होने का नाम नहीं ले रहा था। सब जगह से निराश होकर मैं पतंजलि योगपीठ आया। डॉ. पीयूष गुप्ता ने मुझे आशावादी रहने को कहा तथा उपचार प्रारंभ किया। उनके उपचार से मेरा सालों पुराना रोग जड़ से खत्म हो गया। योग व आयुर्वेद के साथ विशेष रूप से पंचकर्म चिकित्सा का मुझे आशातीत लाभ मिला। अब मैं पूर्ण स्वस्थ हूँ तथा आनन्दपूर्ण जीवन व्यतीत कर रहा हूँ।
भवदीय, आर.एन. मूर्ति, गौतम बुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश
दो महीने में किडनी सिस्ट से मिली निजात
मेरे पेट में 5 वर्षों से दर्द रहता था। अल्ट्रासाऊण्ड कराने पर पता चला कि मेरी दायीं किडनी में गाँठ (Cyst) है। मैंने आयुर्वेद पर अपना विश्वास कायम रखते हुए पतंजलि योगपीठ आकर डॉ. प्रत्युष कुमार को दिखाया। उन्होंने मुझे भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम तथा बाह्य प्राणायाम आदि के साथ-साथ पतंजलि द्वारा निर्मित आयुर्वेदिक औषधियों यथा- कांचनार गुग्गुल, वृद्धिवाधिका वटी, गोक्षुरादि गुग्गुल, शिला सिन्दूर, अभ्रक भस्म, स्वर्णमाक्षिक भस्म, गिलोय सत्, ताम्र भस्म तथा पुनर्नवादि मण्डूर आदि लेने की सलाह दी। मात्र दो माह के उपचार में ही मेरा सारा दर्द गायब हो गया। अब मैं पूर्ण स्वस्थ हूँ।
भवदीया, अन्नू, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश
कैंसर को परास्त करने में मिली सफलता
कैं सर ऐसा रोग है जिसका पता चलते ही व्यक्ति अधमरा तो वैसे ही हो जाता है। मुझे दिसम्बर 2018 में पैर में दर्द की शिकायत हुई। एम.आर.आई. जाँच में पता चला कि मेरे पैर में गाँठ (Malignent Round Tumor) है। बायोप्सी रिपोर्ट में कैंसर होने की पुष्टि हुई। मैंने पतंजलि में कैंसर के सफल उपचार के विषय में पढ़ा था। मैं तुरंत पतंजलि हॉस्पिटल उपचार हेतु पहुँचा। डॉ. ओम् शरण के आयुर्वेदीय उपचार तथा पतंजलि पर मेरे अटूट विश्वास से मैं कैंसर को परास्त करने में सफल रहा। अभी मुझे बिल्कुल भी दर्द नहीं है तथा चिकित्सक व मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार ८० प्रतिशत लाभ है। आशा है जल्द ही पूर्ण स्वस्थ हो जाऊँगा।
भवदीय, मेहुल किशोरभाई चौहान, अहमदाबाद, गुजरात
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