अनुभूति आपकी
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बाँझपन से मिली मुक्ति
मैं सन्तानोत्पत्ति में सफल नहीं हो पा रही थी। अत: मैंने चिकित्सकीय सलाह ली। मुझे पता चला कि मैं फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज से ग्रस्त हूँ। मेरी सारी आशाओं पर कुठाराघात सा हो गया था। मेरा प्राथमिक उपचार एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति से हुआ, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम न मिलने पर मैंने पतंजलि से आयुर्वेद उपचार प्रारम्भ किया। पतंजलि के बहिरंग चिकित्सालय (ओ.पी.डी.) में मेरा उपचार डॉ. मोनिका चौहान के दिशानिर्देशन में प्रारम्भ किया गया। पतंजलि की आयुर्वेदिक औषधियों में स्त्री रसायन वटी, चन्द्रप्रभा वटी, रज:प्रवर्तनी वटी, दशमूलारिष्ट, पत्रांगासव आदि, घरेलू नुस्खों में काले तिल का पाउडर, गाजर के बीज का पाउडर, अजवायन पाउडर, सूखे अदरक (सौंठ) का पाउडर तथा कुछ योगासन व प्राणायाम ने जैसे चमत्कार कर दिया। मात्र तीन महीने के उपचार से ही मैं गर्भधारण कर चुकी हूँ। मेरी आशाओं को नई उमंग व रोशनी मिली है।
भवदीया, कोमल, मूंडलाना, हरिद्वार
जिह्वा कैंसर को किया परास्त
मैं भुवनेश्वर, उड़ीसा का निवासी हू। मैं जिह्वा कैंसर से पीडि़त था। जब मुझे इसका पता चला तो सर्वप्रथम मैंने राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट में उपचार प्रारम्भ कराया। वहाँ मेरा उपचार रेडिएशन तथा कीमोथैरेपी से किया गया तथा मुझे बताया गया कि कैंसर कोशिकाएं नष्ट हो चुकी हैं, लेकिन मेरा दुर्भाग्य मेरा साथ ही नहीं छोड़ रहा था। कुछ समय उपरान्त कैंसर कोशिकाएं अपने विराट रूप के साथ पुन: जीवित हो गई तथा यह रोग मेरे लीवर तक फैल गया। तब मैं पतंजलि योगपीठ आया, जहाँ मैं डॉ. एस.सी. मिश्रा जी से मिला। उन्होंने मुझे जीवन की नई आशा दिखाई। उन्होंने कहा कि पतंजलि में इसका सफल उपचार है। उन्होंने मुझे कुछ आयुर्वेदिक औषधियाँ, रस तथा काढ़े इत्यादि लेने की सलाह दी। इन आयुर्वेदिक औषधियों के साथ प्राणायाम व कुछ विशेष योगासनों का मुझ पर चमत्कारी प्रभाव पड़ा। मेरी जिह्वा में जो कैंसर की गांठ थी, वह नष्ट हो गई तथा लीवर पर इसका जो शुरुआती प्रभाव था, वह भी पूरी तरह समाप्त हो गया। अब अंतिम स्वास्थ्य जाँच तथा रक्त जाँच- जैसे लीवर फंक्शन टेस्ट तथा किडनी फंक्शन टेस्ट की रिपोर्ट के अनुसार मैंने कैंसर को परास्त कर दिया है, अब मैं पूर्ण स्वस्थ जीवन का भरपूर आनन्द ले रहा हूँ।
भवदीय, अशोक कुमार गुप्ता, भुवनेश्वर, उड़ीसा
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