पतंजलि का ध्येय अर्थ से परमार्थ

"Prosperity for Charity"

पतंजलि का ध्येय अर्थ से परमार्थ

आचार्य बालकृष्ण

तंजलि के वार्षिक टर्न ओवर को लेकर देशभर में काफी उत्साह, गौरव व विदेशी कम्पनियों में जबरदस्त बेचैनी है। पिछले वर्ष का पतंजलि समूह का कुल टर्न ओवर 10561 करोड़ का है, इसमें पतंजलि आयुर्वेद का 9346, दिव्य फार्मेसी जिसमें हम आयुर्वेद की शास्त्रीय विधि से औषधियाँ बनाते हैं उसका 870 करोड़, पतंजलि ग्रामोद्योग जिसमें हम दुग्धामृत, पशुआहार व गोनाईल बनाते हैं इसका 345 करोड़ का विक्रय किया है। पतंजलि के कुछ बड़े ब्रान्ड इस प्रकार हैं- पतंजलि गाय का देशी घी- जैसे 1467 करोड़, दन्तकान्ति 940, केशकान्ति-825, हर्बल बाथ सोप-574, कच्ची घानी सरसों तेल-522, पतंजलि आटा-407, बिस्किट-380, पतंजलि हनी-335, हर्बल वाशिंग पाउडर व केक- 325, सौन्दर्य हर्बल स्किन केयर-231, सौन्दर्य फेसवॉश-228, च्यवनप्राश-176, एलोवेरा जूस-172, एलोवेरा जेल-155, राख व नींबू से निर्मित डिसवॉश-148 एवं पावर वीटा-122 करोड़ है। शैम्पू कैटेगरी में लगभग 15त्न, टूथपेस्ट में भी लगभग 14%, फेशवास में 15%, डिसवॉश-35%, हनी में लगभग 50% मार्केट शेयर पतंजलि का है। गाय के घी में पतंजलि के आस-पास कोई नहीं है, कच्ची घानी सरसों तेल में भी पतंजलि ही लीडर है, आटा में पतंजलि देश में दूसरे नम्बर पर है। अगले वर्ष तक हर क्षेत्र में पतंजलि लीडिंग पोजिशन में होगा तथा हर कैटेगरी में पतंजलि का शेयर लगभग नम्बर-1 पर होगा।
योगऋषि स्वामी रामदेव जी ने दिल्ली एनसीआर में एक प्रेसवार्ता में कहा कि भारत का 1857 का प्रथम स्वातन्त्रय संग्राम अंग्रेज शासकों या मुगल शासकों के खिलाफ नहीं था, अपितु 'ईस्ट-इण्डियानाम की एक विदेशी कम्पनी के क्रूर शासन व लूट के खिलाफ था उन्हीं के वंशधर एम.एच.सी., यूनिलीवर, नेस्ले, पी.एन.जी. एवं कॉलगेट जैसी विदेशी कम्पनियाँ आज भी देश की आर्थिक लूट कर रही हैं और लगभग 50 लाख करोड़ की देश की अर्थव्यवस्था पर कब्जा जमाये हुये हैं। ब्रिटेन एवं यूरोप के (Political Colonisation) पोल्टिकल कोलोनाईसेशन (राजनैतिक उपनिवेशन) के बाद ये (Economicalisation) इकोनॉमिकलनाईजेशन का कुचक्र चल रहा है। ये विदेशी कम्पनियाँ यहाँ चैरिटी करने नहीं आयी हैं, अपितु मोटा मुनाफा कमाकर पूरा पैसा विदेश में ले जा रही हैं। इन विदेशी कम्पनियों का मोक्ष करके देश को आर्थिक लूट व गुलामी से बचाना तथा स्वदेशी सेवा से अर्जित अर्थ को स्वार्थ के लिए नहीं परमार्थ में लगाना लक्ष्य है। प्रोस्पेरिटी फॉर चैरिटी (Prosperity for Charity) के सिद्धान्त पर  हम ये स्वदेशी से देशसेवा का आन्दोलन चला रहे हैं। मनी मेकिंग मॉटिव नहीं है हमारा अपितु डिवाइन मैन बनाना पतंजलि का अन्तिम ध्येय है, इसलिए पतंजलि का 100% प्रोफिट एजुकेशन, रिसर्च एवं गो संवर्धन व संरक्षण पर हम खर्च कर रहे हैं तथा आगे भी करेंगे। पतंजलि की चैरिटी के ये तीन फोकस एरिया रहेंगे, इसलिए पतंजलि कोई कॉरपोरेट हाउस नहीं अपितु 125 करोड़ देशवासियों की कम्पनी व ब्रॉन्ड है। अभी भी पतंजलि को हम त्यागभाव से चला रहे हैं तथा पतंजलि का उत्तराधिकारी भी कोई व्यापारी नहीं होगा अपितु त्यागी, तपस्वी, देशभक्त, विद्वान् व संन्यासी ही होगा। पतंजलि के बारे में प्रायोजित तरीके से कुछ झूठ व भ्रान्तियाँ भी कुछ शरारती व विरोधी तत्वों की तरफ  से फैलायी जा रही हैं। जैसे मुसलमानों को यह कहकर बहकाया जा रहा है कि पतंजलि के हर प्रोडक्ट में गोमूत्र है, पर हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि गोमूत्रअर्क, गोनाइल, पंचगव्य, संजीवनी वटी व कायाकल्प तेल मात्र इन पाँच उत्पादों में ही गोमूत्र है और वह इसके लेबल पर लिखा हुआ है, इसके अतिरिक्त पतंजलि के लगभग 1000 में से किसी प्रोडक्ट में गोमूत्र नहीं है। पतंजलि हनी पर जमने के व आँवला क्वालिटी पर प्रश्न चिन्ह लगाये गये, जबकि जमना शहद का स्वाभाविक गुण है तथा आँवला जूस का रजिस्ट्रेशन हमने आयुर्वेद में लिया हुआ है। इसके अनुसार आँवला के रस का T.S.S.  8 से ऊपर होना चाहिये हमारा 8.5 है। ये F.S.S.I. का क्षेत्र ही नहीं, यह आयुर्वेद की कैटेगरी में आता है। इसके अतिरिक्त पतंजलि के मार्केट शेयर के बारे में भी भ्रांतियों तथा पतंजलि में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी आदि से भी हम देशवासियों को बचने के लिए आह्वान करते हैं तथा स्वदेशी से राष्ट्रसेवा के इस पूर्ण अभियान में पूरी ताकत के साथ खड़े होने के लिए प्रार्थना करते हैं।
हम पतंजलि की भविष्य की योजनाओं एवं उत्पादन क्षमता को लेकर कुछ तथ्य रखना चाहते हैं कि अभी पतंजलि के पास लगभग 30 हजार करोड़ कीमत की उत्पादन क्षमता है तथा अगले वर्ष तक 60 हजार करोड़ से अधिक की क्षमता तैयार हो जायेगी। इसी क्रम में पतंजलि रेस्टोरेन्ट एवं टैक्सटाइल्स के बारे में हम एक व्यापक रणनीति तैयार कर रहे हैं। अपने डिस्ट्रीब्यूशन तथा सप्लाई चैन को और अधिक मजबूत बना रहे हैं। अभी हमारे पास 6 हजार डिस्ट्रीब्यूटर्स हैं तथा इस वर्ष 12 हजार का हमारा लक्ष्य है। फूड के 5 तथा नॉन फूड के 2, कुल 7 हमारे वर्टिकल हैं। फूड में आटा, बिस्किट, राईस, स्पाइस एवं पल्सेज को लेकर एक बड़ा शेयर पतंजलि का होगा। इसी प्रकार 20 से 25 हजार सेल्समैन तथा 2 हजार से अधिक सीनियर्स सेल्स ऑफिसर की मजबूत टीम बनाने का हमारे अभ्युदय विभाग का लक्ष्य है। 200 से अधिक सीनियर सांइन्टिस्ट तथा लाखों लोग पतंजलि की इस स्वदेशी सेवा में रात-दिन पुरुषार्थ कर रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में चैरिटेबल सेवा की शुरुआत हम पतंजलि आवासीय शहीद सैनिक स्कूल से करेंगे, यह स्कूल इसी वर्ष बनना प्रारम्भ हो जायेगा।
 

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