बेबी पाउडर से लाखों लोगों को हुआ कैंसर
विदेशी कंपनी के झूठ, धोखे व अत्याचार की कहानी
On
भाई राकेश 'भारत’, सह-संपादक
एवं मुख्य केन्द्रीय प्रभारी भारत स्वाभिमान
-
दुनिया भर में जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी पर 40,000 से ज्यादा कैंसर फैलाने के मुकदमे
-
अमेरिका और कनाडा में नहीं बिकने वाला कैंसर कारक पाउडर भारत में खुलेआम आज भी बिक रहा है
-
जिस कंपनी के पाउडर से कैंसर होता है वही कंपनी कैंसर के उपचार की दवा बनाकर लाखों करोड़ का कारोबार करती है
-
जिस पाउडर पर पूरी दुनिया में हजारों करोड़ का जुर्माना हुआ, उसी पाउडर पर कमज़ोर कानूनों के कारण भारत में कोई बड़ा जुर्माना नहीं
कुछ ब्रांड अपना प्रचार प्रसार इस पुरजोर तरीके से करते हैं कि गैर जरूरी चीजों को बाजार में स्थापित करने के लिए आक्रामक विज्ञापनों के सहारे अपने आप को उस उत्पाद का पर्यायवाची के रूप में स्थापित कर देते हैं, जैसे लाखों बच्चों में मुनाफे के बाजार की संभावना को देखते हुए 1873 में रॉबर्ट वुड जॉनसन ने जार्ज सिबरी नाम के एक केमिस्ट के साथ मिलकर जॉनसन और शिवरी नाम की कंपनी बनाई थी। और जॉनसन एंड जॉनसन ने जब यह देखा कि छोटे बच्चों के लिए कोई उत्पाद नहीं है तो 1894 में ही उन्होंने जॉनसन का बेबी पाउडर लांच किया। रॉबर्ट वुड जॉनसन ने अपनी पोती को बेबी पाउडर के लेवल पर फोटो छाप कर लोगों को यह दिखाया यह बेबी पाउडर बच्चों के लिए बिल्कुल सुरक्षित है और जैसे मैं बेबी पाउडर का अपने बच्चों के लिए प्रयोग करता हूँ, वैसे ही आप सब भी अपने बच्चों को बेबी पाउडर जरूर लगाएं।
जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी की ताकत व बिक्री
इसी प्रकार एक-एक उत्पाद बनाकर और पूरी दुनिया में बहुत सी कंपनियों को खरीदकर जॉनसन एंड जॉनसन ने अपने कारोबार को पूरी दुनिया में फैला लिया। आज यह 175 से अधिक देशों में फैला हुआ है और 1,40,000 से अधिक कर्मचारी इसमें काम करते हैं। यह कहा जाता है कि जॉनसन एंड जॉनसन दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ केयर कंपनी है। जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने 2020 में $82 बिलियन अर्थात 6 लाख 15 हजार करोड़ रूपए और 2021 में $93.77 बिलियन अर्थात लगभग 7 लाख 3 हजार करोड़ रुपए बिक्री के साथ फार्मा कंपनियों में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन गयी।
जॉनसन एंड जॉनसन किसी एक वर्ग विशेष की कंपनी नहीं है, जहां जिस भी उत्पाद में इसको प्रॉफिट दिखाई देता है उसी चीज के कारोबार में यह कूदकर प्रॉफिट कमाने के लिए साम-दाम-दंड-भेद से अपना एक छत्र साम्राज्य स्थापित करती है।
इन्होंने पूरी दुनिया की 250 से अधिक कंपनियों को खरीद कर अपने में विलय कर अपने आपको इतना विशालकाय बना लिया है कि अलग-अलग देशों की सरकारें भी जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी से टक्कर लेने में घबराती हैं।
मल्टीनेशनल कंपनियां कितनी खतरनाक हैं इस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा लीजिए कि एक तरफ तो जॉनसन एण्ड जॉनसन कंपनी बेबी पाउडर बेचकर लाखों करोड़ रुपए कमाती है जिससे कैंसर होता है। वहीं दूसरी तरफ कैंसर को ठीक करने के नाम पर लाखों करोड़ की दवा बेच देती है। अर्थात पहले बीमार करो फिर बीमारी के नाम से मुनाफा कमाओ। 2021 में कम्पनी ने 1,09,110 करोड़ रुपए ($14,548 मिलियन) की दवा कैंसर को ठीक करने के नाम पर बेची, कमाल की बात देखिए 2021 में कंजूमर हेल्थ के नाम पर, ओरल केयर, बेबी केयर, स्किन केयर, वूमेन हेल्प के नाम पर 1,09,762 करोड़ रूपए की बेबी पाउडर व अन्य चीजों की बिक्री की।
डॉक्टरों और हॉस्पिटल स्टाफ को रिश्वत देकर मुनाफा कमाने का कारोबार
जॉनसन एंड जॉनसन पर बहुत बार मुकदमे चले हैं, जुर्माने लगे हैं, जैसे 2010 में जॉनसन एंड जॉनसन पर आरोप लगा कि नर्सिंग होम में यह अपनी दवाओं को गलत तरीके से बिक्री करने के लिए डॉक्टर्स और हॉस्पिटल के स्टाफ को रिश्वत देती है। जिसको बाद में कोर्ट ने प्रमाणित किया तथा जॉनसन एंड जॉनसन पर $280 मिलियन अर्थात 2240 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया।१ जॉनसन एंड जॉनसन पर लगाए गए जुर्मानों की लिस्ट में मुकदमों की सूची बहुत लंबी है। बहुत बार जॉनसन एंड जॉनसन के प्रोडक्ट को बाजार से वापस किया गया। जिन दवाओं को किसी और चीज के लिए बनाया गया था केवल मुनाफे के नाम पर उन्हीं दवाओं की ऑफ लेवल मार्केटिंग की गई दवाओं की बिक्री बढ़ाने के लिए रिश्वत देने के अनेकों मामले सामने आए। और तो और अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमिशन में भी जॉनसन एंड जॉनसन पर विदेशी रिश्वत देने का आरोप लगाया गया, जिसमें Foreign Corrupt Practices Act (FCPA) का उलंघन करने का आरोप लगाया गया और $70 मिलियन (525 करोड़ रूपए) का जुर्माना भी लगाया गया।२
जॉनसन एंड जॉनसन की सहायक कंपनी ष्ठद्गक्कह्व4 द्वारा ग्रीस नामक देश के डॉक्टरों को रिश्वत दी तथा यह समझौता किया कि जो वह बिक्री करवाएंगे उसका 27% कमीशन व रिश्वत के रूप में डॉक्टरों को वापस दे दिया जाएगा। इसी प्रकार जॉनसन एंड जॉनसन की सहायक कंपनियों ने पोलैंड के अस्पतालों में डॉक्टरों को भी रिश्वत दी ताकि दवाओं का टेंडर केवल जॉनसन एंड जॉनसन को ही मिले। कुछ ऐसे ही जॉनसन एंड जॉनसन समूह ने रोमानिया के डॉक्टरों व फार्मासिस्टों को अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए 2002 से 2007 तक लगातार रिश्वत दी।
टैलकम पाउडर और उससे होने वाला कैंसर
पाउडर के मामले में जॉनसन एंड जॉनसन का टेलकम पाउडर नेचुरल तरीके से प्रकृति में पाए जाने वाले ञ्जड्डद्यष् नामक खनिज से बनाया जाता है। यह शरीर में नमी को सोखकर तेल को अवशोषित करने का काम करता है। जॉनसन एंड जॉनसन ने एक समय अपने आक्रामक प्रचार से लगभग 40त्न महिलाओं को जॉनसन एंड जॉनसन के टेलकम पाउडर का नियमित उपयोगकर्ता बना दिया।
अचानक हुई थी बेबी पाउडर की खोज
जॉनसन एंड जॉनसन केस बेबी पाउडर की खोज एक्सीडेंटली हुई थी। 1893 में जॉनसन एंड जॉनसन को यह पता लगा कि छोटे बच्चों को डायपर बांधने से जो रैशेज होते हैं, उनको रोकने में यह बेबी पाउडर बेचा जा सकता है। साथ ही जॉनसन एंड जॉनसन जो प्लास्टर बेचता था उससे जो मरीजों को जलन होती थी तो उन्होंने जलन को कम करने के लिए टेलकम पाउडर का प्रयोग करना शुरू किया गया। जब यह देखा कि एक टेलकम पाउडर भी एक प्रोडक्ट के रूप में बेचा जा सकता है तो जॉनसन एंड जॉनसन ने इसको अलग से बॉक्स में पैक करके लोगों को इसकी आदत लगाने के लिए डिलीवरी करवाने वाली दाइयों और नर्सों को फ्री में बांटना शुरू किया।
मुनाफा कमाने के लिए जॉनसन एंड जॉनसन के इस नये नए उत्पाद की बिक्री पूरी दुनिया में इस तरह आक्रामक तरीके से की गई कि दुनिया की हर पांच में से दो महिलाओं ने माना कि उन्होंने नियमित रूप से जॉनसन एंड जॉनसन पाउडर का इस्तेमाल किया है।
नियमित प्रयोग करने वाली महिलाओं में जब यह पाया गया कि जॉनसन एंड जॉनसन के टेलकम पाउडर का प्रयोग करने से उनके गर्भाशय में कैंसर उत्पन्न हो रहा है तो उन्होंने इसके विरूद्ध आवाज उठाने का प्रयास किया, लेकिन उनके पास इसको प्रमाणित करने के लिए कोई आधार नहीं था तथा कोर्ट या कंपनी भी उनकी इस बात के ऊपर किसी प्रकार से सुनवाई नहीं कर रही थी।
1970 के दशक से ही बाल रोग विशेषज्ञों से लेकर अलग-अलग चिकित्सकों की ओर से शिशु और माताओं में इससे कैंसर की संभावना की चिंता की सूचनाएं मिल रही थी।
कैंसर कारक का पता होने पर भी कंपनी लगातार झूठ फैलाती रही
1971 में माउंट सिनाई के शोधकर्ता खनिज वैज्ञानिक ने जॉनसन के बेबी पाउडर में एस्बेस्टस की उपस्थिति के आरोप लगाए, लेकिन जॉनसन ने उनके शोध को नकार दिया तथा उनको अपना विरोधी करार दे दिया।
1971 के स्नष्ठ्र के बार-बार मांगने पर पाउडर की एनालिसिस रिपोर्ट भेजी तथा कम्पनी ने स्नष्ठ्र को कहा कि यह हमारी ट्रेड गोपनीय रिपोर्ट है। इसको स्नष्ठ्र बिना कम्पनी के अनुमति के पब्लिक में साझा नहीं कर सकती। आप देखिए, जब यह कंपनियां स्नष्ठ्र जैसी अमेरिकी संस्थाओं पर भी शर्तें थोप सकती हैं तो विकासशील व पिछड़े देशों को किस तरह से उंगलियों पर नचाती होंगी।
जॉनसन एंड जॉनसन के कंसलटेंट वैज्ञानिक व डॉक्टर लगातार यह तर्क देते रहे कि हमारे पाउडर में किसी भी प्रकार का कैंसर कारक तत्व नहीं हैं और यदि हैं भी तो वह बहुत न्यूनतम मात्रा में हैं, जिससे कोई नुकसान नहीं हो सकता। वर्षों तक इन्हीं बातों पर बहस चलती रही कि पाउडर से कैंसर होता है या नहीं होता। जॉनसन एंड जॉनसन लगातार पाउडर से कैंसर होने के कारण को झूठ बोलकर खारिज करती रही।
हालांकि आंतरिक तौर पर शुरू से ही जॉनसन एंड जॉनसन के दस्तावेजों में यह जानकारी मिलती है कि जॉनसन एंड जॉनसन को पता था, हमारे पाउडर में कैंसर कारक एस्बेस्टस है, और यह जानते हुए भी कि उनके पाउडर में कैंसर कारक पदार्थ है लेकिन जॉनसन एंड जॉनसन सार्वजनिक तौर पर लगातार मरीजों/ग्राहकों से झूठ बोलती रही।
1974 में सार्वजनिक तौर पर एक वैज्ञानिक ने पाउडर में कैंसर कारक तत्वों की मौजूदगी को लेकर प्रमाणित किया तथा कहा कि इससे भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य के खतरे पैदा हो सकते हैं।
अपनी गलती मानने की जगह जॉनसन एंड जॉनसन ने मुकदमों, जांचों को प्रभावित करने के लिए अलग-अलग वैज्ञानिक पत्रिकाओं में ऐसे रिसर्च पेपर भी पब्लिक करवाए गए जिसमें यह बताया गया कि पाउडर से किसी भी प्रकार के कैंसर होने का खतरा नहीं है। कुछ लेख तो जॉनसन एंड जॉनसन की ओर से ऐसे वैज्ञानिकों से लिखवाया गये जिन्होंने जॉनसन एंड जॉनसन के पाउडर को क्लीन चिट दी तथा बाद में पता लगता कि वह जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के पैनल पर पैसे लेकर कम करते थे। उन्होंने पहचान छुपाकर जॉनसन एंड जॉनसन के पाउडर को सुरक्षित बताने का झूठ फैलया।
1971 में ही वैज्ञानिकों ने पाउडर से होने वाले कैंसर पर रिसर्च पेपर प्रकाशित कर दिया था, उसके बाद 1982 में भी अमेरिकन कैंसर सोसायटी की एक पत्रिका में रिसर्च प्रकाशित हुई जिसमें पाउडर के कारण गर्भाशय के कैंसर पर अध्ययन प्रकाशित हुआ तथा उसके बाद ऐसे एक नहीं दर्जनों अध्ययन प्रकाशित हुए जिसमें पाउडर से कैंसर होने की पुष्टि की गई।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने भी अपनी रिसर्च में पता लगाया कि जब कोई महिला अपने जननांगों में टेलकम पाउडर लगाती है तो पाउडर के छोटे कण जननांगों से होते हुए गर्भाशय तक पहुंच जाते हैं तथा कैंसर पैदा करते हैं।
फिर 1983 में नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के साथ-साथ 1988 से लेकर लगातार 2005 तक सैकड़ों रिसर्च रिपोर्ट्स आई जिन्होंने पाउडर से कैंसर होने का संबंध प्रमाणित किया।
कंपनी पर टैलकम पाउडर के सम्बन्ध में मुकदमे और जुर्माने
-
1980 के दशक में एक महिला जिस को कैंसर हुआ उसने जॉनसन एंड जॉनसन के ऊपर मुकदमा किया जॉनसन एंड जॉनसन ने कोर्ट में उनका दावा खारिज कर दिया और कहा कि हमारा पाउडर बिल्कुल सुरक्षित है। उस कैंसर पीड़ित महिला के पास कोई प्रमाण नहीं थे तथा उसका मुकदमा खारिज हो गया क्योकि जॉनसन एंड जॉनसन ने बड़े वकीलों से कोर्ट में अपने पाउडर को सुरक्षित साबित कर दिया।
-
यह मल्टीनेशनल कंपनियां कितनी खतरनाक और झूठी हैं कि उस मुकदमे के 20 साल बाद उस कैंसर पीड़ित महिला व उसके वकील को पता लगा कि जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने कोर्ट में झूठ बोला था और उनके आंतरिक दस्तावेजों में लगातार कैंसर कारक पदार्थ पाए जाने की जानकारी कंपनी को पता थी।
-
2019 में जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर में जब जांच में एस्बेस्टस पाया गया तो 33,000 पाउडर की बोतलों को बाजार से वापस लिया गया।
-
मई 2020 में कंपनी ने घोषणा किया कि वह अमेरिका और कनाडा में अपने टैल्क आधारित बेबी पाउडर की बिक्री को बंद कर देगी। यह निर्णय जॉनसन एंड जॉनसन ने अपने ऊपर होने वाले हजारों मुकदमों से घबरा कर लिया क्योंकि पूरे अमेरिका और दुनिया में जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी पाउडर से होने वाले गर्भाशय के कैंसर पर भारी मात्रा में धड़ाधड़ मुकदमे दायर किए जा रहे थे।
-
फरवरी 2016 में जैकलिन फॉक्स ऐसी पहली महिला थी जिन्होंने जॉनसन एंड जॉनसन के खिलाफ अपने गर्भाशय में होने वाले कैंसर का मुकदमा किया, जैकलिन फॉक्स ने 2015 में अपने मरने से पहले बताया कि उसने 35 साल तक जॉनसन एंड जॉनसन के टेलकम पाउडर का इस्तेमाल किया है। फरवरी 2016 में अमेरिका की सेंट लुइस कोर्ट ने जैकलिन फॉक्स के परिवार को $72 मिलियन (576 करोड़ रूपए) का जुर्माना जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी से दिलवाया। हालांकि बाद में जॉनसन एंड जॉनसन ने अक्टूबर 2017 में इस फैसले को अपने वकीलों के माध्यम से पलटवा दिया।
-
अक्टूबर 2016 में सेंट लुइस की जूरी ने जॉनसन एंड जॉनसन पर एक कैंसर रोगी जिसने 40 साल तक जॉनसन बेबी पाउडर का इस्तेमाल किया था उसके कैंसर होने पर $70 मिलियन (560 करोड़ रूपए) का जुर्माना लगाया।
-
इसी प्रकार मई 2017 में सेंट लुइस की जूरी ने वर्जिनिया की एक महिला लोइस स्लेम्प को $110 मिलियन अर्थात 880 करोड़ रुपए का जुर्माना देने का आदेश जॉनसन एंड जॉनसन को दिया क्योंकि उसको भी जॉनसन जॉनसन के बेबी पाउडर से ही गर्भाशय का कैंसर हुआ था। इसके साथ-साथ ढ्ढद्वद्गह्म्4 ञ्जड्डद्यष् ्रद्वद्गह्म्द्बष्ड्ड नाम की जॉनसन एंड जॉनसन की सहयोगी कम्पनी जो जॉनसन एंड जॉनसन को टैल्क की आपूर्ति करती थी उसके ऊपर भी $1,00,000 डॉलर का जुर्माना लगाया।
-
अमरीका में अगस्त 2017 में 1000 से अधिक अमेरिकी महिलाओं ने बेबी पाउडर से होने वाले कैंसर के जोखिम को कवर करने के लिए जॉनसन एंड जॉनसन पर मुकदमा दायर किया था।
-
अगस्त 2017 में कैलिफोर्निया की एक जूरी ने जॉनसन एंड जॉनसन को 62 वर्ष की एक महिला को कैंसर होने के बाद $417 मिलियन अर्थात 3,336 करोड़ रुपए का जुर्माना देने का आदेश दिया।
-
अक्टूबर 2017 में मिसोरी स्टेट की एक जूरी ने एक महिला के परिवार को $72 मिलियन अर्थात 576 करोड रुपए का मुआवजा जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी से देने का आदेश दिया, जिसमे महिला की गर्भाशय के कैंसर से मृत्यु हो गई थी और यह मुकदमा जैकी फॉक्स पीड़ित महिला का बेटे द्वारा लड़ा गया।
-
दिसंबर 2017 में रिचर्ड बुकर नामक कैंसर रोगी को $22 मिलियन का मुआवजा जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी से देने का फैसला हुआ।
-
अप्रैल 2018 में न्यू जर्सी की एक जूरी ने जॉनसन एंड जॉनसन पर स्टीफन लैंजो और उनकी पत्नी को टेलकम पाउडर से कैंसर प्रमाणित होने पर $117 मिलियन अर्थात 936 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया।3
कैंसर कारक पाउडर पर 37,600 करोड़ रुपये का हुआ जुर्माना
-
जुलाई 2018 में अमेरिका की मिसौरी स्टेट की ज्यूरी के सामने 22 महिलाओं ने जॉनसन एंड जॉनसन पर टेलकम पाउडर से कैंसर होने का केस किया, केस की सुनवाई हुई जॉनसन एंड जॉनसन के बड़े-बड़े वकीलों ने बड़ी-बड़ी दलीलें रखी, लेकिन अंत में जीत सत्य की हुई तथा कोर्ट ने जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी पर ऐतिहासिक बड़ा जुर्माना करते हुए $4.7 बिलियन अर्थात 37,600 करोड़ रूपए का जुर्माना लगाया गया। इस एतिहासिक बड़े जुर्माने में $550 मिलियन अर्थात 4400 करोड़ रुपए का कंपनी पर जुर्माना लगाया तथा दंडात्मक मुआवजे के रूप में $4.1 बिलियन अर्थात 32,080 करोड़ रुपए पीड़ितों को देने का निर्णय सुनाया गया। मुकदमे के दौरान 22 में से 6 महिलाओं की मृत्यु सुनवाई के दौरान गर्भाशय के कैंसर से हो गई थी।4
-
जिस समय यह फैसला आया उस समय इस बड़ी फार्मा कंपनी के सामने बेबी पाउडर से जुड़े नौ हजार से ज्यादा मुकदमे पूरी दुनिया में चल रहे थे।
-
इसी प्रकार दिसंबर 2018 में न्यूयॉर्क की 78 वर्षीय महिला की सुनवाई पर जॉनसन एंड जॉनसन तथा एक फ्रेंच मल्टीनेशनल कंपनी पर $1.5 मिलियन अर्थात 12 करोड़ रूपए का जुर्माना लगाया गया।
-
सितंबर 2019 में न्यू जर्सी की एक कोर्ट में फैसला सुनाया गया जिसमें जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी पर $37.2 मिलियन अर्थात 297.6 करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया गया।
-
अमेरिका तथा कनाडा में हजारों की संख्या में मुकदमा के कारण जॉनसन एंड जॉनसन ने यह घोषणा कर दी कि वह अमेरिका और कनाडा में 2020 के बाद टेलकम पाउडर पर आधारित उत्पाद बेचना बंद कर देगा।
-
2021 तक जॉनसन एंड जॉनसन के ऊपर 26,000 से अधिक पाउडर से होने वाले कैंसर के मुकदमे पूरी दुनिया में चल रहे थे, तथा 2023 तक इन मुकदमों की संख्या 40,000 से अधिक हो गयी।
-
अगस्त 2021 में कैलिफोर्निया की एक जूरी ने जॉनसन एंड जॉनसन को एक महिला को $26 मिलीयन अर्थात 208 करोड़ से अधिक का मुआवजा देने का आदेश दिया, उस महिला ने बताया कि एक बच्चे के रूप में उसने जॉनसन एंड जॉनसन के टेलकम पाउडर को इस्तेमाल करना शुरू किया और 35 साल की उम्र तक आते-आते उसके अंदर कैंसर विकसित हो गया जबकि उसके परिवार में किसी को भी कैंसर की बीमारी का इतिहास नही था।
मुकदमों और जुर्मानों से बचने के लिए दिवालियेपन का नाटक
हजारों की संख्या में हुए मुकदमों से बचने के लिए जॉनसन एंड जॉनसन के सलाहकारों ने यह योजना बनाई कि हम जॉनसन एंड जॉनसन के टैल्क आधारित बेबी पाउडर उत्पाद को यदि एक नई कंपनी में डालकर उस कंपनी को ही दिवालिया घोषित कर देंगे, तो भविष्य में किसी भी प्रकार के कानूनी मामलों का सामना ना करना पड़े। अक्टूबर 2021 में जॉनसन एंड जॉनसन ने अपनी पहली पारी खेलते हुए यह घोषणा की रुञ्जरु मैनेजमेंट एक अलग सहायक कंपनी है जो जॉनसन एंड जॉनसन से संबंधित सारी देनदारियों का प्रबंधन करने के लिए जिम्मेदार रहेंगे। नयी कम्पनी एक अलग नाम के साथ उत्तरी कैरोलिना जैसे राज्य में पता लगा सकती है जहाँ दिवालियापन कानून कठोर नहीं है। जिससे मूल कम्पनी की तुलना में कम भुगतान करना होगा।
73 हजार करोड़ के भुगतान का प्रस्ताव
अप्रैल 2023 में कुछ न्यूज चैनेलों किए मुताबिल जॉनसन एंड जॉनसन की रुञ्जरु मैनेजमेंट कंपनी ने कहा कि टेलकम पाउडर पर जितने भी आरोप लगे हैं, जिसमें कहा गया है कि इससे कैंसर होता है, उन दावों से निपटने के लिए कंपनी $8.9 बिलियन (लगभग 72 हजार करोड़ रूपए) का जुर्माना देने को तैयार है।
कई देशों में नहीं बिकने वाला उत्पाद भारत में आज भी बिक रहा है
भारत में लगभग 1947 से ही जॉनसन एंड जॉनसन अपना बेबी पाउडर बेच रही है। महाराष्ट्र सरकार ने कंपनी के उत्पादों को जांचने के लिए दिसंबर 2018 में जांच शुरू की गई। 2019 में उस जांच की रिपोर्ट आई, जिसमें उत्पादों का क्कद्ध लेवल अधिक पाया गया, कंपनी ने दोबारा जांच की मांग की तथा महाराष्ट्र सरकार के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर के मुलुंड, मुंबई, पुणे, नासिक से सैंपल लिए गए, सैंपल की जांच करने के बाद यह पाया गया कि पाउडर के सैंपल क्वालिटी स्टैंडर्ड में खरे नहीं उतरे है, तो सितंबर 2022 में जॉनसन एंड जॉनसन के महाराष्ट्र कारखाने के पाउडर निर्माण के मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस को कैंसिल कर दिया गया तथा बिक्री पर रोक लगा दी गई।
भारत में बनने वाले जॉनसन एंड जॉनसन के उत्पाद भारत के साथ-साथ श्रीलंका नेपाल मालदीव आदि दूसरे एशियाई देशों देशों में भी एक्सपोर्ट किए जाते हैं।
भारत में नवंबर 2022 में कम्पनी की अपील पर मुंबई हाई कोर्ट ने जॉनसन एंड जॉनसन के नमूनों को दोबारा जांच के लिए आदेश दिया तथा कंपनी को अपने कारखानों में निर्माण कार्य शुरू करने के लिए आदेशित कर दिया।
लेकिन दुख की बात यह है कि अभी भी भारत के बाजारों में जो पाउडर दुनिया के दूसरे देशों में जॉनसन एंड जॉनसन ने बेचना बंद कर दिया वह आज भी आपके पड़ोस की किसी केमिस्ट की दुकान से खरीदा जा सकता है। भारत में कितने लोगों को कैंसर हुआ, कितने लोगों ने मुकदमा किया और कितने लोगों को कोर्ट की ओर से हर्जाना दिलवाया गया इसकी कोई भी जानकारी या विवरण कहीं भी उपलब्ध नहीं है। पूरी दुनिया में बैन होने वाला हानिकारक उत्पाद भारत के बाजार में अभी भी उपलब्ध है तथा खुलेआम बेचा जाता है।
Reference
1. https://www.reuters.com/investigates/special-report/johnsonandjohnson-cancer/;
2. https://www.sec.gov/news/press/2011/2011-87.htm, '; https://www.reuters.com/article/us-jj-bribery-idUSTRE7374ZB20110408;
3. https://www.reuters.com/article/us-johnson-johnson-cancer-lawsuit-idUSKCN1B121D;
4. https://www.reuters.com/article/us-johnson-johnson-cancer-lawsuit-idUSKBN1K234U
लेखक
Related Posts
Latest News
01 Nov 2024 17:59:04
जीवन सूत्र (1) जीवन का निचोड़/निष्कर्ष- जब भी बड़ों के पास बैठते हैं तो जीवन के सार तत्त्व की बात...