महिलाओं के लिए वरदान है पतंजलि का‘स्त्री एवं प्रसूती विभाग’
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डॉ. मोनिका, पतंजलि आयुर्वेद हॉस्पिटल
पतंजलि चिकित्सालय में नवजात शिशु की देखरेख जच्चा-बच्चा दोनों के स्वास्थ्य पर हर पल अनुभवी चिकित्सक नजर बनाये रखते हैं। परन्तु देखने में आया है कि कुछ निजी अस्पतालों में चंद पैसों के लालच में आखिरी समय में मरीज व मरीज के परिजनों को डरा धमकाकर प्रसव ऑपरेशन द्वारा करने पर बाधित किया जाता है। वह यह नहीं देखते की मरीज व मरीज के परिवार-जनों की आर्थिक स्थिति क्या है? ऐसे कुछ एलोपैथिक चिकित्सकों का एकमात्र उददे्श्य सिर्फ मोटी रकम कमाना है। |
स्त्री ईश्वर की एक बहुत ही अनुपम एवं महत्त्वपूर्ण रचना है। ईश्वर ने स्त्री को एक विशिष्ट जीवनदायिनी शक्ति प्रदान की है कि अपने गर्भ से संतति को जन्म दे सकती है। साथ ही परमात्मा ने स्त्री को मातृत्व, ममता व स्नेह की अनुपम भेंट दी है जो पूरे संसार में किसी ओर के पास नहीं है।
जब स्त्री को माँ बनने में किसी भी प्रकार की कोई बाधा उत्पन्न होती है, तो वह बेहद निराश हो जाती है। परिवार और समाज के भय से अपनी तकलीफों को नज़रअंदाज करती है। इसलिए सर्वप्रथम पतंजलि आयुर्वेद हॉस्पिटल के अन्दर प्रसूति विभाग में ऐसी स्त्रियों को मानसिक रूप से सबल किया जाता है। तत्पश्चात उसकी शारीरिक तकलीफों में परामर्श व उपचार प्रदान किया जाता है। यहाँ पर आयी स्त्री परामर्श व चेकअप के बाद पूर्ण रूप से संतुष्ट दिखाई देती है।
स्त्री का माँ बनना एक दिव्य अनुभूति है। यह माँ तथा बच्चे का एक अटूट रिश्ता व विश्वास है। गर्भ में अबोली नाजुक आहट से लेकर नवजात के गुलाबी अवतरण तक उस मासूम की किलकारियों से लेकर उसकी रूई सी छुअन तक उसकी माँ से बेहतर और कौन समझ सकता है।
यह सब कुछ सम्भव है उस माँ का प्रसव कहाँ पर करवाया जा रहा है, अन्यथा आज लगभग हर अस्पतालों में ऑपरेशन के द्वारा प्रसव को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है इन अस्पतालों में एलोपैथिक डॉक्टरों का मुख्य उद्देश्य ऑपरेशन करके मरीजों से मोटी रकम ऐंठना ही रहता है। यह आधुनिक डॉक्टर (भगवान्) प्रसव के दौरान मरीजों को इतना डरा देते हैं कि मरीज अपने व बच्चे के प्राण बचाने के लिए इन डॉक्टर की बातों में आ जाता है और इनकी लूट खसोट का शिकार बन जाता है, आज ज्यादा लोगों को यह नहीं पता की पतंजलि योगपीठ भी नि:शुल्क प्राकृतिक प्रसव सुविधा प्रदान करता है। वह भी बिना डराये-धमकाये यहाँ के उच्च कोटि के डॉक्टर जच्चा-बच्चे की सच्चे अर्थों में सेवा-भाव से उपचार करके अपने डॉक्टर होने का धर्म निभाते हैं। पतंजलि योगपीठ विश्वविख्यात संस्थान है जहां पर देश दुनिया के रोगी यहां पर पहुँचते है। मगर बहुत कम लोगों को ही पता है कि पतंजलि योगपीठ में नि:शुल्क प्राकृतिक रूप से प्रसव करवाने की व्यवस्था उपलब्ध है जहां पर जच्चा को प्राकृतिक प्रसव करवाने पर जोर दिया जाता है क्योंकि पतंजलि चिकित्सालय उपकार को ध्यान में रखकर सेवा प्रदान करता है। यदि बहुत जरूरत पड़ती है तो यहां पर बहुत ही कम खर्चे में सिजेरियन प्रसव की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। यहां पर सिजेरियन का खर्च न के बराबर होता है।
पतंजलि चिकित्सालय में नवजात शिशु की देखरेख जच्चा-बच्चा दोनों के स्वास्थ्य पर हर पल अनुभवी चिकित्सक नजर बनाये रखते हैं। परन्तु देखने में आया है कि कुछ निजी अस्पतालों में चंद पैसों के लालच में आखिरी समय में मरीज व मरीज के परिजनों को डरा धमकाकर प्रसव ऑपरेशन द्वारा करने पर बाधित किया जाता है। वह यह नहीं देखते की मरीज व मरीज के परिवार-जनों की आर्थिक स्थिति क्या है? ऐसे कुछ एलोपैथिक चिकित्सकों का एकमात्र उददे्श्य सिर्फ मोटी रकम कमाना है। जोकि यह लोग भारत की मासूम जनता के साथ देश के हर कोने में किसी न किसी रूप में इस प्रकार की हरकत करते रहते हैं। पतंजलि आयुर्वेद अस्पताल न केवल नि:शुल्क प्रसव की सुविधा दे रहा है अपितु ईलाज के दौरान माँ और बच्चे का पालन-पोषण व उनका खान-पान एवं योग आसन की जानकारियां उन्हीं की सरल भाषा में समझायी जाती है। और गर्भवती महिला को गर्भ के दौरान किन चीजों का ध्यान रखना है उन सब के दिशा-निर्देश यहां पर समझायें जाते हैं। यह सभी पुण्य कार्य पतंजलि परिवार देश के हित में देश को सर्वोच्य रखकर अपनी सेवा दे रहे हैं।
पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी का सम्पूर्ण जीवन रोगियों के उपचार व उनकी सेवा में गुजरा है आज भी सम्पूर्ण विश्व को स्वस्थ रखने के लिए पूज्य आचार्य जी दिन-रात मेहनत करके दिव्य औषधियों को निर्माण करते हैं। उसी सेवा-भाव को ध्यान में रखते हुये श्रद्धेय आचार्य श्री जी ने पतंजलि आयुर्वेद अस्पताल में प्रीनेटल योग की कक्षा की शुरूआत की हुई है ताकि गर्भवती महिलाओं को यहाँ पर वह सब आसन करवाये जायें जिससे प्रसव की पीड़ा व प्रसव आसानी से विशेषज्ञों की देखरेख में हो जाये। इसके अलावा पूज्य आचार्य श्री यहाँ पर एडमिट गर्भवती महिलाओं को विशेष खान-पान जैसे पौष्टिक मिनरल एवं विटामिन युक्त खाना खिलाने पर विशेष ध्यान रखते हैं इस आहार को चेक करने के लिए पूज्य आचार्य जी समय-समय पर आकर इसकी गुणवत्ता को परखते भी रहते हैं। ताकि गर्भवती महिला को इस सब आहार की ऐसी अवस्था में बहुत जरूरत होती है। पौष्टिक आहार के सेवन से ही सम्भव है स्वस्थ बच्चा जन्म लें। ऐसी अनेकों मांओं ने यहां पर बच्चों को जन्म दिया है। इन बच्चों की किलकारियों के साथ उस माँ का स्वस्थ रहना यहाँ के चिकित्सकों की नि:स्वार्थ सेवा भाव है। स्वस्थ जच्चा-बच्चा पतंजलि आयुर्वेद हॉस्पिटल से घर जब जाता है तब यहाँ के सभी कर्मचारियों का उद्देश्य सफल होता है।
पतंजलि आयुर्वेद प्रसव विभाग हरिद्वार ही नहीं अपितु पूरे देश में धीरे-धीरे नेचुरल व आधुनिकता के कारण जाना जाने लगा है। आज यहाँ पर डिलीवरी के लिए आने के लिए परिवार पहले से ही डाक्टर से समय लेता है। यदि मरीज दूर से यहाँ पर नहीं पहुँच पा रहे हैं तो वह ऑनलाइन परामर्श और वीडियो कॉन्फे्रंसिंग के द्वारा लगातार डॉक्टर के सम्पर्क में रहता है और डिलीवरी के समय हरिद्वार में पहँुच कर पतंजलि हॉस्पिटल में आकर प्रसव करवाते हैं। पतंजलि आयुर्वेद पद्धति से प्रभावित होकर लोग नेचुरल डिलीवरी करवाने पर ज्यादा जोर देने लगे हैं। आज इस पद्धति से बॉलीवुड भी खासा-प्रभावित है। पतंजलि नेचुरोपैथी एक योग द्वारा नॉर्मल डिलीवरी के लिए प्रोत्साहित करती है। साथ ही फ्री डिलीवरी करवाकर जच्चा-बच्चा को सुरक्षित माहौल भी उपलब्ध करवाती है।
स्त्री एवं प्रसूति विभाग दिन-रात एक करके अपनी सेवा-भाव का परिचय देते हैं। इस विभाग का सम्पूर्ण स्टॉफ पूरी तरह क्वालिफाइड व प्रशिक्षित है। इसी विभाग में डॉ. नेहा वर्मा हैं। जो बहुत मृदुभाषी हैं तथा रोगियों की आधी पीड़ा सिर्फ बात करके ही दूर कर देती हैं, इनके साथ कार्य करने वाली नर्सिग टीम संजू (आयुर्वेदिक परिचारिका), निर्मला (आयुर्वेदिक परिचारिका) इस सभी को भी 10-10 साल का अनुभव स्त्री रोग एवं प्रसूति कार्यों को प्राकृतिक रूप से करवाने में हैं, जिस कारण आज पतंजलि हॉस्पिटल स्त्री रोग एवं प्रसव करवाने में सबसे आगे है।
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