प्रयोग करके देखें

प्रयोग करके देखें

माताओं के लिए दुग्धवर्धक प्रयोग

  • औषधि दर्शन के अनुसार शतावर चूर्ण 3 से 5 ग्राम सुबह-शाम गाय के दूध के साथ लेने से जिन माताओं के स्तनों में दूध सूख जाता है या कम हो जाता है, पुन: यथेष्ट दूध उनके स्तनों में उतरने लगता है।
  • यह शतावर चूर्ण गर्भवती माताएँ 2-3 ग्राम की मात्रा में गर्भावस्था के दौरान भी सेवन कर सकती हैं। ऐेसा करने से प्रसव के बाद स्तनों में दूध की अल्पता नहीं रहती। प्रसव के बाद भी माताएँ शतावर का सेवन करती रहें।
  • चावल, सफेद जीरा की खीर बनाकर खाने से स्तनों में दुग्ध की वृद्धि होती है।
  • 1 चम्मच सफेद जीरा चूर्ण में समभाग मिश्री मिलाकर 1 गिलास दूध के साथ प्रात:-सायं पीने से स्तनों में दुग्ध की वृद्धि होती है।

 पथरी से मुक्ति के लिए पत्थरचट्टा

  • पूज्यवर के अनुभूत चमत्कारी प्रयोगों के तहत प्राप्त यह नुस्खा, इसके अनुसार-नित्य प्रात: पत्थरचट्टे (Bryophyllum pinnatum (Lam.) Kurz.)  के 2-3 पत्तों को चबा-चबा कर खाएँ। कुछ दिनों के सेवन से समस्त प्रकार की अश्मरी, पित्ताशय तथा मूत्र विकारों में निश्चित लाभ मिलता है।
  • पाषाणभेद (Bergenia ligulata (Wall.) Engl.) का चूर्ण बनाकर 1-1 चम्मच प्रात:-सायं जल के साथ सेवन करने से वृक्काश्मरी में लाभ होता है।
  • 5 ग्राम पीपल की छाल, 5 ग्राम नीम की छाल, सर्वकल्प क्वाथ 200 ग्राम तथा वृक्कदोषहर क्वाथ को मिलाकर रख लें एवं 1 चम्मच की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएँ। 100 मिली शेष रहने पर छानकर खाली पेट सुबह नाश्ते से पहले एवं सायंकाल भोजन से 1 घण्टा पहले पिएँ। इसके नियमित सेवन से कुछ ही दिनों में रक्त में यूरिया एवं क्रिएटिनीन की मात्रा घट जाती है।

 मधुमेह से पायें छुटकारा

  • खीरा, करेला और टमाटर एक-एक की संख्या में लेकर इसका जूस निकालकर, सुबह खाली पेट पीने से मधुमेह में लाभ होता है।
  • जामुन की गुठली का पाउडर करके, एक-एक चम्मच सुबह-शाम खाली पेट पानी के साथ सेवन करने से मधुमेह नियन्त्रित होता है।
  • नीम के 7 पत्ते सुबह खाली पेट चबाकर अथवा पीसकर पानी के साथ लेने पर मधुमेह में लाभ मिलता है।
  • सदाबहार के 7 पुष्पों को खाली पेट जल के साथ चबाकर सेवन करने से भी मधुमेह में लाभ मिलता है।
  • गिलोय, जामुन, कुटकी, निम्बपत्र, चिरायता, कालमेघ, सूखा करेला, काली जीरी, मेथी, इनको समान मात्र में लेकर चूर्ण कर लें। यह चूर्ण 1-1 चम्मच सबुह-शाम खाली पेट पानी के साथ सेवन करने से मधुमेह में विशेष लाभ मिलता है।
  • करंजबीज चूर्ण को आधा-आधा चम्मच की मात्रा में प्रात:-सायं गुनगुने जल के साथ सेवन करने से मधुमेह में लाभ मिलता है। ऐसी ही अन्य जानकारी के लिए औषध दर्शन पुस्तक का अध्ययन करें।

 वातज विकारों के घरेलू उपचार

  • हल्दी, मेथी-दाना सोंठ 100-100 ग्राम तथा अश्वगन्धा चूर्ण 50 ग्राम मात्रा में लेकर चूर्ण कर लें। 1 -1 चम्मच नाश्ते सायं भोजन करने के बाद गुनगुने पानी से लें। इसके सेवन से जोड़ों का दर्द, गठिया, कमर दर्द आदि में विशेष लाभ होता है
  • लहसुन की 1 से 3 कली खाली पेट पानी के साथ लेने से जोड़ों के दर्द में लाभ होता है। साथ ही बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड सामान्य होता है। हृदय की शिराओं में आए हुए अवरोध को भी दूर करने में लहसुन उपयोगी है।
  • मोथा घास की जड़, जो कि एक गाँठ की तरह होती है, उसका पाउडर करके 1 से 2 ग्राम सुबह-शाम पानी या दूध के साथ लेने से जोड़ों के दर्द गठिया में आश्चर्यजनक लाभ मिलता है।
  • निर्गुण्डी के पत्तों का चूर्ण एक-एक चम्मच सुबह-शाम खाना खाने के बाद पानी के साथ सेवन करने से वात रोगों का शमन होता है।
  • एरण्ड के पत्तों को पीसकर हल्का गर्म करके जोड़ों पर लगाने से भी लाभ मिलता है।
 

Advertisment

Latest News

परम पूज्य योग-ऋषि श्रद्धेय स्वामी जी महाराज की शाश्वत प्रज्ञा से नि:सृत शाश्वत सत्य ... परम पूज्य योग-ऋषि श्रद्धेय स्वामी जी महाराज की शाश्वत प्रज्ञा से नि:सृत शाश्वत सत्य ...
जीवन सूत्र (1) जीवन का निचोड़/निष्कर्ष- जब भी बड़ों के पास बैठते हैं तो जीवन के सार तत्त्व की बात...
संकल्प की शक्ति
पतंजलि विश्वविद्यालय को उच्च अंकों के साथ मिला NAAC का A+ ग्रेड
आचार्यकुलम् में ‘एजुकेशन फॉर लीडरशिप’ के तहत मानस गढक़र विश्व नेतृत्व को तैयार हो रहे युवा
‘एजुकेशन फॉर लीडरशिप’ की थीम के साथ पतंजलि गुरुकुम् का वार्षिकोत्सव संपन्न
योगा एलायंस के सर्वे के अनुसार अमेरिका में 10% लोग करते हैं नियमित योग
वेलनेस उद्घाटन 
कार्डियोग्रिट  गोल्ड  हृदय को रखे स्वस्थ
समकालीन समाज में लोकव्यवहार को गढ़ती हैं राजनीति और सरकारें
सोरायसिस अब लाईलाज नहीं