त्रिदिवसीय कासगंज योग शिविर

त्रिदिवसीय कासगंज योग शिविर

  • योग से संस्कार और चरित्र का निर्माण संभव : पूज्य स्वामी जी महाराज
  • जिनके मन में खोट है, उनको रामचरित मानस में भी खोट लगता है : स्वामी जी महाराज
  • नई शिक्षा नीति से विश्व में बढ़ेगा भारत का गौरव, देश में अब तक संस्कार विहीन शिक्षा का था चलन
कासंगज: बारह पत्थर मैदान, कासगंज में पूज्य योगऋषि स्वामी रामेदव जी महाराज के सान्निध्य में त्रिदिवसीय शिविर का सफल आयोजन किया गया जिसमें योग साधकों ने बढ़-चढ़कर सहभागिता की। शिविर में भाग लेने हेतु हजारों की संख्या में लोगों का उत्साह देखकर लगा कि योग युग का आरंभ हो गया है। पूज्य स्वामी जी महाराज ने इस त्रिदिवसीय नि:शुल्क योग शिविर के माध्यम से एलोपैथिक दवा का छुटकारा दिलाकर योग से निरोग बनाने के लिए गुरु मंत्र दिया।
इस अवसर पर पूज्य स्वामी जी महाराज ने अपार जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि योग से संस्कार और चरित्र का निर्माण भी संभव है। देश को गौरवमयी बनाना है तो योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। अब तक देश में संस्कार विहीन शिक्षा का चलन था, लेकिन अब नई शिक्षा नीति से विश्व में देश का का गौरव बढ़ेगा। इसमें उन पहलुओं को सामने लाया गया है, जो अब तक अलोपित थे। भारतीय शिक्षा बोर्ड इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगा। उक्त उद्गार योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज ने नदरई गेट स्थित गेस्ट हाऊस में एक पत्रकार वार्ता के दौरान व्यक्त किए।
उन्होंने योग पर जोर देते हुए कहा कि शरीर के गंभीर रोग इससे दूर किए जा सकते हैं। कैंसर, शुगर, हृदयघात, थाईराइड सहित अन्य गंभीर रोगों का एक मात्र उपचार योग है।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद और योग की पद्धति को जीवन में उतारने से जटिलता सरलता में बदल जाएगी। एलोपैथी एवं अन्य पैथियों को प्रश्न चिन्ह लगाते हुए उन्होंने आयुर्वेद एवं योग को सर्वश्रेष्ठ बताया। उन्होंने कहा कि योग को घर-घर पहुँचाने के बाद उनका उद्धेश्य देश में शिक्षा क्रान्ति लाना है। इससे देश की नींव मजबूत होगी। अब तक मैकाले की शिक्षा का चलन था, लेकिन अब नई शिक्षा पद्धति में मूल-चूल सुधार हुए हैं। सांस्कारिक  शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है। उन पहलुओं को शिक्षा से जोड़ा गया जो हमारी संस्कृति के धरोहर हैं। उन्होंने योग से दिन की शुरुआत करने को आह्वान किया। इस अवसर पर भारतीय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन श्री नागेन्द्र प्रताप सिंह, भाई राकेश कुमार, श्री सुनील शास्त्री, जे.सी. चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे।

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सरकार को बताया राष्ट्रवादी :
पूज्य स्वामी जी महाराज ने वर्तमान सरकार को राष्ट्रवादी बताते हुए कहा कि यह सनातन मूल्यों की रक्षा करने वाली सरकार है। देश को गौरव प्रदान कर रही है। नई शिक्षा नीति के निर्माण से विश्व में देश का गौरव बढ़ेगा। सभी देश भारतीय शिक्षा का आहरण करेंगे। बहुत जल्द ही ऐसा परिदृश्य सामने आने वाला है।
भारतीय शिक्षा में हुआ बड़ा बदलाव : श्री नागेंद्र प्रताप सिंह
भारतीय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन श्री नागेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जल्द ही भारतीय शिक्षा पद्धति में बड़ा बदलाव होगा। इसके लिए प्रचार-प्रसार एवं जन जागरण की आवश्कता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा पद्धति का उद्भव हमारे देश से हुआ है। शून्य से लेकर अंतिम छोर तक की शिक्षा हमारे संस्कारों में रही है। अब तक संस्कार विहीन शिक्षा का देश में चलन रहा। एक खंड तक की शिक्षा को प्रचारित-प्रसारित किया गया, जबकि अब देश के प्रत्येक खंड से जुड़े महत्व, उद्धेश्य एवं ज्ञान का नई शिक्षा में जुड़ाव रहेगा। हमारे देश की संस्कृति का विज्ञान सर्वोपरि हैं।
चाहे वह भौतिक रूप हो, चाहे रासायनिक। उन्होंने कहा कि गणित भी हमारे देश से प्रफुल्लित हुआ है, लेकिन अब तक हमें इन सब का बोध नहीं कराया गया। आने वाले समय में सीबीएसई, एसएससी एवं अन्य शिक्षा परिषदों का समावेश होकर नई शिक्षा का रूप सबके सामने आएगा। नीतिगत संस्कारवान एवं संस्कृतिवान शिक्षा को लेकर देश के भविष्य का निर्माण होगा।
 
जिनके  मन में खोट है, उनको रामचरित मानस भी खोट है : बाबा रामदेव
पूज्य स्वामी जी महाराज ने कासगंज पहुँचते ही प्रेसवार्ता कर बिना नाम लिये रामचरित मानस पर टिप्पणी करने वाले नेता पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि जिनके मन में खोट है, उनको रामचरित मानस में भी खोट दिखाई दे रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारे सनातन के सभी ग्रंथों में समानता की, एकता की, विश्व बंधुत्व की, एकात्मवाद की ही बात कही गयी हैं। मैंने चार वेद, दर्शन, उपनिषद, रामायण, महाभारत, श्रीमद्भगवत गीता और पुराण पढ़े हैं। उन्होंने कहा कि ये अलग बात है कि पुराणों से लेकर के हमारे बहुत से शास्त्रों में भी मिलावट हुई है और उनका संशोधन होना चाहिए और वह जिम्मेदारी हमारी है। हम उसको भी जितना जरूरी होगा करेंगे।

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