श्रद्धेय योगऋषि परम पूज्य स्वामीजी महाराज की शाश्वत प्रज्ञा से नि:सृत शाश्वत सत्य...
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सनातन धर्म का मर्म
1. संन्यास धर्म : पतंजलि योगपीठ के संन्यासी न पलायनवादी, न जातिवादी, न ही प्रमादी हैं। योगी, कर्मयोगी, राष्ट्रवादी ऐसे संन्यासी हमने तैयार किए हैं जो संन्यासधर्म, वेदधर्म, ऋषिधर्म, के साथ सनातनधर्म को विश्वधर्म के रूप में प्रतिष्ठापित करेंगे एवं राष्ट्रधर्म हेतु अपना सर्वस्व आहूत करने हेतु उद्यत रहेंगे। स्वस्थ, सामथ्र्य, निष्काम, अकाम, श्रोत्रिय, ब्रह्मनिष्ठ व आत्मनिष्ठ, गुरुनिष्ठ, सात्विक संन्यासी जिनमें ज्ञान, भक्ति व पुरुषार्थ व परमार्थ व पराक्रम की पराकाष्ठा हो, ऐसी पूर्ण सात्विक आत्माओं को दीक्षित किया है।
2. सनातन का महातीर्थ : योगधर्म, आयुर्वेद धर्म एवं स्वदेशी धर्म के बाद अब शिक्षा एवं स्वास्थ्य धर्म हेतु भारतीय शिक्षा बोर्ड, पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुलम्, पतंजलि विश्वविद्यालय एवं शिक्षा तंत्र हेतु सम्पूर्ण संसाधन, सुविधाओं के समायोजन से व्यक्ति निर्माण, चरित्र निर्माण करते हुए राष्ट्रनिर्माण एवं युगनिर्माण का संकल्प है हमारा और पतंजलि वेलनेस, पतंजलि रिसर्च फाउण्डेशन, पतंजलि के पाँच हजार चिकित्सालय व सेन्टर्स, गाँव-गली-मोहल्लों से लेकर हर शहर तक नि:शुल्क योग कक्षाएँ सब चिकित्सा सेवायें तथा इस कार्य या लक्ष्य की पूर्ति हेतु औषध निर्माण हेतु पतंजलि आयुर्वेद का पूरा तंत्र लोगों को रोगमुक्त कर दूसरा जन्म देने का कार्य पतंजलि से हो रहा है। अतीत में भी हमारे पूर्वज, ऋषियों ने प्रधान रूप से शिक्षा व स्वास्थ्य की सेवायें की हैं। महर्षि गौतम, कणाद, जैमिनी, पाणिनि, पतंजलि, वशिष्ठ, विश्वामित्र एवं चरक, सुश्रुत, धन्वंतरि आदि इसके बड़े उदाहरण हैं। जीवन निर्माण शिक्षा से तथा जीवन की रक्षा व पीडि़त मानवता की सेवा-सुश्रुषा चिकित्सा से हम कर रहे हैं। सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों एवं शाश्वत सत्यों की संवाहक संस्थाओं में आज पतंजलि योगपीठ एक सर्वश्रेष्ठ या सर्वोत्तम भूमिका का निर्वहन कर रही है।
3. वैश्विक भूमिका : योगायुर्वेद, स्वदेशी, शिक्षा, स्वास्थ्य में विश्वस्तर के कीर्तिमान स्थापित करने के साथ-साथ आज पूरा विश्व का मेडिकल सिस्टम एवं सरकारें भी जो काम नहीं कर पाई वो कार्य पतंजलि ने किया है। पूरी मेडिकल साइंस W.H.O. तक मानते हैं कि बी.पी., शुगर, थायरॉइडादि रोग क्योर नहीं होते। डिजनरेट हुए लीवर, किडनी, पेन्क्रियाज़, लंग्स, हार्ट, ब्रेन एवं बॉडी के सेल्स रिजुविनेट नहीं होते लेकिन हमने इस असंभव को संभव करके दिखाया है। विश्व में पतंजलि का यह श्रेष्ठतम योगदान है। सैकड़ों नोबल पुरुस्कारों का हकदार है पतंजलि।
4. अविष्कार से उपचार तक : शताधिक बड़े रोगों को हमने वैज्ञानिक प्रमाणों के साथ ठीक करके दिखा दिया है लेकिन फार्मा कम्पनियों व स्वार्थपूर्ण सोच वाले मेडिकल सिस्टम ने दुनियां को भ्रान्ति में डाल रखा है कि रोगों को कन्ट्रोल तो कर सकते हैं, क्योर नहीं कर सकते। यही मेडिकल टैरेरिज़म है। लेकिन पतंजलि के नूतन अविष्कार से होने वाले उपकार मूलक उपचार को हमें इतना प्रचार व विस्तार देना है कि पूरा विश्व योग एवं आयुर्वेद को अपना ले। हम अपनी पूरी ताकत लगाकर इस कार्य को सफल बनायेंगे और पूरे विश्व को रोगमुक्त व योगमुक्त बनायेंगे।
5. योग व सहयोग का स्वर्णिम इतिहास : आज से ३० वर्ष पूर्व हरिद्वार के कनखल से हमारी साधना से सृजन की यात्रा प्रारंभ हुई, शून्य से सृजित हुई ये सेवा आज विश्वव्यापी हो चुकी है। अब इस योग सहयोग के योगदान को आगे बढ़ाने हेतु मैंने आह्वान किया तो सैकड़ों भाई-बहन इसमें बढ़-चढक़र अपनी आहुतियां दे रहे हैं। अब हरिद्वार से लेकर N.C.R. तक इस सेवा का बहुत बड़ा विस्तार होगा। प्रथम हरिद्वार के योगग्राम स्थित निरामयम् के विस्तार का प्रोजेक्ट निरामयम् प्रीमियम तथा पतंजलि योगपीठ में पतंजलि वेलनेस प्रीमियम का निर्माण हो रहा है। इसमें एक कॉटेज जो कि अत्यंत ही भव्य रूप में तैयार कर रहे हैं, इसमें आप अपने कुलवंश के नाम पुण्य लाभ से लेकर अपनी आगामी पीढिय़ों को स्वस्थ व संस्कारित बनाने हेतु योगदान कर रहे हैं। ५०० से प्रारंभ होकर १००० कॉटेज बन रहे हैं। इस कार्य हेतु 8954555999 नम्बर पर सम्पर्क करके इस सेवा महायज्ञ में अपनी पूर्णाहुति देने हेतु हम आह्वान करते हैं।
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