किसने क्या कहा
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ईरान के राजदूत गुलाम रजा अंसारी
कि योग, आयुर्वेद एवं समाज-लोकहितैषी अन्य नि:स्वार्थ आंदोलनों के कारण स्वामी रामदेव जी एवं आचार्य बालकृष्ण जी तथा यह पतंजलि योगपीठ आज विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित हो गये हैं। इससे दुनियां को जीवन संबंधी नई दृष्टि मिली है। ईरान और भारत दोनों में आध्यात्मिक व सांस्कृतिक समानतायें हैं। हर्बल मेडिसिन, हर्बल सिस्टम का महत्व भारत से लेकर ईरान तक समान है। पतंजलि योगपीठ इसका सशक्त केन्द्र बनकर उभरा है।
मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर लाल खट्टर
नवस्थापित आचार्यकुलम गुरुकुल तक्षशिला, नालंदा से बढ़कर हो तथा यहां लाखों की संख्या में विद्यार्थी योग एवं आयुर्वेद की शिक्षा ग्रहण करें। मेरी ऐसी संकल्पना है। हम हरियाणा को भारत का प्रतिष्ठित योग-आयुर्वेद केंद्र बनाना चाहते हैं।
पूज्य स्वामी जी महाराज
कि भविष्य की अर्थपद्धति सेवा की ओर मुड़ेगी। सबका हित सबका विकास ही भविष्य की अर्थनीति होगी। देश ही नहीं दुनियां में पूंजी की सकारात्मक सक्रियता पद्धति लागू होगी।
मौलाना कल्वे रिजवी जी
पतंजलि योगपीठ दिव्य व्यक्तित्व निर्माण की टकसाल है, स्वामी जी में विशिष्ट क्षमताओं का भंडार है। कभी लोग कहते थे कि आसन सिखाने वाला देश की हुकूमत के तरीके क्या सिखायेगा, पर आज दुनियां ने इसे देख लिया है। आज स्वामी रामदेव जी महाराज ने योग के सहारे लोगों को ऐसी ईमानदारी सिखाई कि बेईमानों को बगले झांकने के लिए विवश होना पड़ा।
श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज
कि देश का युवा जब युग से जुड़ता है, तो सकारात्मक दिव्य परिवर्तन सुनिश्चित होते हैं। योग-आयुर्वेद इन युवाओं का आंतरिक कायाकल्प करेगा और पतंजलि योगपीठ का ऋषित्व भरा चिंतन इन्हें सकारात्मक दिशा देगा परिणामत: आदर्शवाद नेक व्यक्ति निर्मित होंगे और यह आंदोलन जनमानस को भारत के नवनिर्माण का मार्ग दिखायेगा।
विक्टोरिया प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री जी
योग भविष्य की पीढ़ी को मजबूत करने की अनोखी पद्धति है।
पूज्य स्वामी जी महाराज
'मैं एक संन्यासी हूँ, मानवता की सेवा करना ही मेरा ध्येय है, अत: मंत्री पद की मुझे कोई आवश्यकता नहीं है। इसी में मैं राष्ट्र उत्थान की अनेक संकल्पनाओं को पूरा करने में सक्षम रहूंगा।‘
अतिविशिष्ट सेवा मेडल प्राप्त लेफ्टीनेन्ट जनरल श्री कमलजीत सिंह
कि जहां सेना के जवान राष्ट्र की सीमाओं की सुरक्षा करके उसे मजबूत करते हैं, वहीं राष्ट्रीय संस्कृति एवं परम्पराओं को जीवंत बनाने का दायित्व देश के अंदर के नागरिक व संस्थायें निभाती हैं। पतंजलि योगपीठ के प्रयोगों द्वारा देश में सशक्त, चरित्रनिष्ठ, राष्ट्रनिष्ठ नागरिकों का निर्माण करके अपने में यह संस्थान अद्वितीय रूप से राष्ट्र उत्थान भूमिका निभा रहा है।
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