नेत्र विकार EYE DISORDER

नेत्र विकार EYE DISORDER

स्वामी समग्रदेव
पतंजलि संन्यासाश्रम, पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार

 आँखें हमारे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे न केवल हमें दुनिया को देखने और समझने में मदद करती हैं, बल्कि हमारे दैनिक जीवन और गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी हैं। 
जीवन में आँखों का महत्व
1.    दृष्टि : आँखें हमें देखने की क्षमता देती हैं, जिससे हम अपने चारों ओर की दुनिया का अनुभव कर सकते हैं।
2.    संचार : आँखों के माध्यम से हम अपनी भावनाओं और विचारों को व्यक्त कर सकते हैं। आँखों का संपर्क और हावभाव संचार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
3.    सुरक्षा : आँखें हमें खतरों को पहचानने और उनसे बचने में मदद करती हैं।
4.    कला और सृजन : दृष्टि के बिना, हम कला, प्रकृति और सृजन का आनंद नहीं ले सकते।
5.    स्मरण : दृष्टि हमें विभिन्न स्थानों, चेहरों और घटनाओं को याद रखने में मदद करती है।
आखों से संबंधित तथ्य और अन्धत्व से  जुड़ी जानकारी
  • वर्तमान में 3.7 करोड़ लोग दृष्टिहीन हैं एवं 12.4 करोड़ लोग गंभीर रूप से दृष्टि-विकार से पीडि़त हैं।
     
  • दृष्टिहीनता उत्पन्न करने वाली स्थितियों के बचाव या त्वरित उपचार से 80 प्रतिशत मामलों में अन्धवत्व‍ से बचा जा सकता है। विश्व के ९० प्रतिशत दृष्टिहीन लोग विकासशील देशों में रहते हैं। 
     
  • विश्वभर के दृष्टिहीनों में दो-तिहाई से अधिक महिलाएं हैं।
  • विश्व के एक-चौथाई दृष्टिहीन लोग भारत में रहते हैं।
  • लगभग 70 प्रतिशत दृष्टिहीन लोग भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं जहां आँखों की अच्छी देखभाल उपलब्ध नहीं है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) ने दृष्टि की विभिन्‍न दर्जे की कई श्रेणियाँ निर्दिष्ट की हैं जिसका दृश्य तीक्ष्णता मापक के माध्यम से आँकलन किया जाता है।
दृश्य तीक्ष्णता आंख द्वारा विस्तार से देखने की क्षमता को मापती है। सामान्‍यत: दृश्य तीक्ष्णता, एक चार्ट का 3 मीटर, 6 मीटर या 40 सेमी दूरी पर उपयोग कर मापी जाती है। चार्ट में विभिन्‍न आकारों के अक्षर, अंक या विभिन्‍न आकार हो सकते हैं।
स्‍नेलन चार्ट का उपयोग कर तथा नीचे दी गई सारणी को देखकर, दृश्य तीक्ष्णता को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है, ज्ञात कर सकते हैं। सारणी में डब्ल्यू.एच.ओ और भारतीय दोनों परिभाषाएँ हैं-
dfgd
आँखों के विकार विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं और ये हमारी दृष्टि और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं।
नेत्र विकारों के विषय में कुछ मुख्य जानकारी निम्नवत हैं -
1.    मायोपिया (निकट दृष्टिदोष)
विवरण : इस स्थिति में व्यक्ति दूर की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से नहीं देख पाता है।
लक्षण : दूर की वस्तुएं धुंधली दिखना, सिरदर्द।
कारण : आंख की लंबाई बढ़ जाती है या कॉर्निया की वक्रता अधिक होती है।
2.     हायपरोपिया (दूर दृष्टिदोष)
विवरण : इस स्थिति में व्यक्ति नज़दीक की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से नहीं देख पाता है।
लक्षण : पढऩे में कठिनाई, आंखों में खिंचाव।
कारण : आंख की लंबाई कम होती है या कॉर्निया की वक्रता कम होती है।
3.     ग्लूकोमा (Glaucoma)
विवरण : यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंखों के अंदर का दबाव बढ़ जाता है, जिससे ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचता है।
लक्षण : दृष्टि का धीरे-धीरे कम होना, आंखों में दर्द।
कारण : आंखों के अंदर का दबाव बढऩा।
4.     कैटरेक्ट (Cataract)
विवरण : यह स्थिति तब होती है जब आंखों के लेंस में धुंधलापन आ जाता है।
लक्षण : धुंधली दृष्टि, रात में देखने में कठिनाई।
कारण : उम्र बढऩे, चोट, आनुवंशिक कारक।
उपचार : सर्जरी, जिसमें धुंधले लेंस को हटा कर कृत्रिम लेंस लगाया जाता है।
5.     रेटीना डिटेचमेंट (Retina Detachment)
विवरण : यह स्थिति तब होती है जब रेटिना की परतें एक-दूसरे से अलग हो जाती हैं।
लक्षण : अचानक दृष्टि में धुंधलापन, आँखों के सामने फ्लोटर्स।
कारण : चोट, आंख की बीमारियाँ, उच्च मायोपिया।
उपचार : सर्जरी।
6.     रक्तस्राव (Hemorrhage)
विवरण : आंख के अंदर रक्तस्राव होने की स्थिति।
लक्षण : अचानक दृष्टि का कम होना, दर्द।
कारण : उच्च रक्तचाप, मधुमेह, चोट।
7.     सूखी आँखें (Dry Eyes)
विवरण : यह स्थिति तब होती है जब आँखें पर्याप्त आँसू नहीं बना पातीं या आँसू जल्दी वाष्पित हो जाते हैं।
लक्षण : जलन, आंखों में किरकिरापन, लालिमा।
कारण : वातावरणीय कारक, उम्र बढऩा, कुछ दवाएं।
8.     कलर ब्लाइंडनेस (Color Blindness)
विवरण : यह स्थिति तब होती है जब व्यक्ति रंगों को सही तरीके से पहचान नहीं पाता है।
लक्षण : कुछ रंगों को ठीक से पहचानने में कठिनाई।
कारण : आनुवंशिकता व अन्य।
पतंजलि वेलनेस में आखों की चिकित्सा
पतंजलि वेलनेस में समग्र चिकित्सा के द्वारा आखों की समस्या का निदान किया जाता है-
आहार चिकित्सा 
प्रात: कालीन औषधि जल    -    त्रिफला का पानी
नाश्ता    -    गाजर, चुकंदर, एलोवेरा, आँवला, गिलोय, व्हीट ग्रास जूस; भीगे हुए
5-बादाम, 5-अखरोट 
फल    -    पपाया, एप्पल, अवाकार्डो
दोपहर का भोजन        -    मल्टीग्रेन, रागी, बाजरा की रोटी;
                    उबली हुई शकरकंद, खीरा, गाजर चुकंदर, टमाटर का सलाद
दोपहर भोजन उपरांत        -    खीरा, गाजर, चुकंदर,  टमाटर का जूस
रात्रि भोजन    -    मल्टीग्रेन, रागी, बाजरा, रोटी, मूगदाल खिचड़ी, उबली सब्जी, सूप, उबली हुई शकरकंद।
रात्रि भोजन के उपरांत        -    महात्रिफलादी घृत + देसी गाय का दूध
आयुर्वेद में औषधी
पतंजलि महात्रिफलादी घृत, पतंजलि आइ ग्रिट
आयुर्वेद की चिकित्सा
त्रिफला का पानी : आईवाश के लिए, अक्षितर्पण
प्राकृतिक चिकित्सा
मडपैक, हेडनैक मालिश, accupunture/ acupressure
योग चिकित्सा
  • षट्कर्म
  • जलनेति
  • रबरनेति
  • आसन
  • आँखो के लिए अभ्यास
  • आँखों के सूक्ष्म अभ्यास 
  • शीर्षासन, 2. सर्वांगासन, 3. हलासन, 4. चक्रासन 5. पश्चिमोत्तानासन
प्राणायाम
  • अनुलोम-विलोम प्राणायाम 
  • त्राटक क्रिया के अभ्यास से आखों में विशेष लाभ होता है।
  • साथ ही सुबह उठकर मुँह में पानी भरकर आँखों में छिपके मारना।
 
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