पतंजलि फूड्स द्वारा तिनसुकिया, असम में ऑयल पाम मेगा प्लांटेशन ड्राइव

पतंजलि फूड्स द्वारा तिनसुकिया, असम में ऑयल पाम मेगा प्लांटेशन ड्राइव

   8 अगस्त 2023 को भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में ऑयल पाम के इतिहास में एक अभूतपूर्व परिवर्तन की शुरुआत हुई। पतंजलि फूड्स लिमिटेड (जिसे पहले रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड के नाम से जाना जाता था) ने असम सरकार के कृषि विभाग द्वारा तिनसुकिया जिले में आयोजितऑयल पाम मेगा प्लांटेशन ड्राइवमें भाग लिया।
भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत में पाम ऑयल (उच्चतम तेल उपज वाली फसल) की खेती को व्यापकता प्रदान करते हुए अवसरों की व्यापकता बढ़ाई। इसमें पूर्वोत्तर राज्य में विशेष ध्यान दिया गया। अगस्त 2021 में खाद्य तेल-ऑयल पाम (एनएमईओ-ओपी) पर राष्ट्रीय मिशन शुरू किया। एनएमईओ-ओपी की निरंतर सफलता के साथ, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने ऑयल पाम के लिए कृषक समुदाय पर ध्यान केंद्रित करने और प्रेरित करने के लिए 25 जुलाई से 5 अगस्त, 2023 तकराष्ट्रीय स्तर का मेगा ऑयल पाम प्लांटेशन ड्राइवशुरू किया था।

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64 हजार हेक्टेयर पर पाम वृक्षारोपण

64,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में पाम वृक्षारोपण के साथ भारत में सबसे बड़ी तेल पाम वृक्षारोपण कंपनियों में से एक होने के नाते, पतंजलि फूड्स लिमिटेड (पीएफएल) ने संबंधित राज्य सरकारों के सहयोग से आयोजित मेगा ऑयल पाम वृक्षारोपण अभियान में भाग लिया। ये अभियान भारत के 6 राज्यों (आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा और नागालैंड) के आवंटित 13 जिलों और 14 ब्लॉकों में आयोजित किए गए थे। वृक्षारोपण अभियान में माननीय मुख्य अतिथियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा कार्यक्रम की संबंधित तिथियों पर लगभग 3,000 पौधे वितरित करके 20 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में औपचारिक वृक्षारोपण भी शामिल था। 9 दिनों की वृक्षारोपण अवधि (25 जुलाई से 5 अगस्त 2023) के दौरान, 6 राज्यों (3 उत्तर पूर्वी राज्यों सहित) के 800 से अधिक किसानों को 1.80 लाख से अधिक पौधे वितरित करके कुल 1,200 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में रोपण किया गया।
विशाल वृक्षारोपण अभियान की सफलता को चिह्नित करते हुए, पतंजलि फूड्स ने 8 अगस्त 2023 को तिनसुकिया जिले मेंऑयल पाम मेगा प्लांटेशन ड्राइवकार्यक्रम में भाग लिया। परम पूज्य स्वामी रामदेव जी की गरिमामयी उपस्थिति में इस मेगा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में असम के माननीय मुख्यमंत्री, और माननीय कृषि एवं बागवानी मंत्री, असम सरकार भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में तिनसुकिया जिले के माननीय सांसद, माननीय विधायक और जिला आयुक्त भी उपस्थित थे। अन्य उपस्थित लोगों में राजस्व, वन पर्यावरण, पी. एंड आर.डी., केवीके और एएयू के संबंधित विभागों के प्रमुख व्यक्ति शामिल थे।

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लगभग 4,500 किसानों की एक सौहार्दपूर्ण सभा में, माननीय मुख्यमंत्री, असम सरकार, परम पूज्य स्वामी रामदेव जी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों/वीआईपी लोगों द्वारा किसानों के खेत में 1 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में औपचारिक रोपण के साथ मेगा वृक्षारोपण अभियान चलाया गया। जिले के 25 चिन्हित किसानों को 2,800 से अधिक पौधे वितरित करके वृक्षारोपण अभियान के तहत कुल 20 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया गया।
असम में ऑयल पाम की विशाल संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए और राज्य सरकारों के साथ समझौता ज्ञापन के माध्यम से अपनी प्रतिबद्धता का पालन करते हुए, पतंजलि फूड्स लिमिटेड (पीएफएल) किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाने के लिए   देश में खाद्य तेलों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए, राज्य में ऑयल पाम की खेती को बढ़ावा देने के लिए सभी प्रयास कर रहा है। कंपनी को असम राज्य में ऑयल पाम वृक्षारोपण के विकास के लिए 7 जिले आवंटित किए गए हैं जिनमें डिब्रुगढ़, तिनसुकिया, गोलाघाट, जोरहाट, नागांव, कामरूप (ग्रामीण और मेट्रो) और गोलपारा शामिल हैं।
ऑयल पाम वृक्षारोपण विकास के अपने मजबूत कार्यान्वयन के साथ, पतंजलि फूड्स लिमिटेड की पांच मिलें हैं जिनकी 155 मीट्रिक टन प्रति घंटा की क्षमता है और कंपनी किसानों से प्रतिवर्ष लगभग 5.0 से 6.00 लाख मीट्रिक टन ताजे फलों के गुच्छे खरीदती हैं। इसके 2027-28 तक भारत के 12 राज्यों (5 उत्तर-पूर्वी राज्यों सहित) में 2.50 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र को कवर करने का अनुमान है। तेल पाम बागान में यह विकास देश में पतंजलि फूड्स की स्थिति को एक एकीकृत खाद्य तेल कंपनी के रूप में मजबूत करते हैं, और साथ ही खाद्य तेल आयात पर निर्भरता को कम करने औरआत्मनिर्भर भारतके आदर्श को साकार करने के दीर्घकालिक लक्ष्य की ओर एक बड़ा कदम है।

पूज्य स्वामी जी महाराज का उद्बोधन

आज हम यहाँ योग के साथ उद्योग की बात करने आएं हैं और मुझे बहुत गौरव है कि देश के सबसे ज्यादा क्रांतिकारी मुख्यमंत्री असम के हैं। इनका मैं हृदय से बहुत-बहुत अभिनन्दन करता हूँ। आदरणीय मुख्यमंत्री जी ने सांस्कृतिक मूलक समृद्धि, किसान, जवान, हेल्थ, एजुकेशन, एग्रीकल्चर, इंडस्ट्री से लेकर हर क्षेत्र में नव कीर्तिमान स्थापित किए हैं और प्रदेश में समृद्धि के नए आयाम गढ़े हैं। वे अपने सद्कार्यों से राष्ट्रीय पर्याय बन गए हैं, भारत की सनातन संस्कृति के बहुत बड़े पुरोधा श्री हेमन्त बिश्व शर्मा का मैं पूरे पतंजलि योगपीठ की ओर से हार्दिक अभिनंदन करता हूँ।
मैं दो-तीन मूल बात कहना चाहता हूँ, भारत प्रतिवर्ष एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा पाम ऑयल के लिए विदेशों को पैसा देता है, इससे हमारी विदेशी मुद्रा का 1 लाख करोड़ रुपए का नुकसान प्रतिवर्ष हो रहा है। अब उसमें धीरे-धीरे करके हम आने वाले 10-20 सालों में लगे रहें, तो इसको हम करीब 50% से ज्यादा तो अभी बचा सकते हैं और लगातार लगे रहे तो हम पूरा का पूरा 100% देश का यह आर्थिक नुकसान बचा सकते हैं।
वर्तमान में पतंजलि डेढ़ लाख एकड़ में 7 जिलों के अंदर पाम प्लांटेशन का कार्य कर रहा है। इसके लिए 9 नर्सरी तैयार हो गई हैं और 7 नर्सरी साल भर में तैयार हो जाएँगी। इससे देश के लगभग 1 लाख किसानों को सीधा फायदा होगा। हम 1 एकड़ जमीन से सामान्यत: हम जो ऑयल ले पाते हैं, चाहे वह मस्टर्ड ऑयल है, सनफ्लावर है, चाहे वह ग्राउंडनट है या कोकोनट है, पाम से उससे 4 गुना ज्यादा प्रति एकड़ ऑयल ज्यादा मिलता है। इससे एक एकड़ में किसान की एक से सवा लाख रुपए तक आय होती है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस पर सर्दी, गर्मी, आंधी, वर्षा, तूफान का कोई असर नहीं पड़ता।
बरसात थोड़ा पहले जाए, ज्यादा बरसात जाए, कम पानी जाए तो फसल बर्बाद हो जाती है। यद्यपि असम में पानी की कोई परेशानी नहीं है, फिर भी ड्रिप इरीगेशन करके सबसे कम पानी वाली जमीन में या उबड़-खाबड़ जमीन में, ऊँची-नीची जमीन में, बंजर जमीन में जिसमें कुछ नहीं होता है, ऐसी सब जगह काम हो सकता है। हमारा लक्ष्य है कि आने वाले 5 सालों में एक लाख से अधिक किसानों की आय करीब-करीब 1 हजार करोड़ रुपए हो, हम पतंजलि के माध्यम से यह प्रयास करेंगे।
जब 1 हजार करोड़ रुपए किसानों के घर में जाएगा तब उनके घर में समृद्धि आएगी। यह पहले चरण का कार्य है जिसको हम यहाँ 7 जिलों में संपन्न करेंगे। जो किसान अभी चाय बागान में या कोई दूसरी खेती करते हैं, उसमें उनको अभी पूरी इनकम नहीं मिल पाती। धीरे-धीरे और ज्यादा लोग कन्वर्ट होंगे, तो हम और पुरुषार्थ करेंगे। हम अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
आज यहाँ पर पाम प्लांटेशन के क्षेत्र में कार्य करने वाली दूसरी कम्पनियाँ भी आई हैं, उनका भी अभिनंदन है। सब मिलकर असम को समृद्ध बनाएं। स्वास्थ्य और समृद्धि यह हमने अपने जीवन का मिशन बनाया है और हमने इसमें असम को एक अग्रणी स्टेट के रूप में, एक लीडिंग स्टेट के रूप में आगे लेकर के आना है।  मैं अभी तक कम से कम 40-50 देश के मुख्यमंत्रियों के साथ संपर्क में रहा हूँ, लेकिन हमारे असम के मुख्यमंत्री श्री हमन्त बिश्व शर्मा जी सुबह 7:00 बजे से रात 12:00 बजे तक करीब 18 से 20 घंटे कार्य करते हैं।
इनके भीतर एक तीव्र इच्छा है कि मुझे असम को देश का सबसे समृद्ध, सांस्कृतिक विरासत, समृद्धि स्वास्थ्य वाला एक ऐसा स्टेट बनाना है, जिसका उदाहरण देश ही नहीं पूरी दुनिया में दिया जा सके और मैं विश्वास रखता हूँ कि 5 से 10 वर्षों में ऐसा स्टेट हमारे हेमंत विश्व शर्मा जी बना देंगे। ये मात्र कृषि में ही नहीं अपितु सभी क्षेत्रों में असम को समृद्ध बनाने की दिशा में कार्यरत हैं।
हम 32 साल पहले असम में आए थे। बहुत कम लोगों को यह पता है कि हमारा सबसे पहला कर्मभूमि, सेवा भूमि असम प्रदेश रहा है। अब जब हम को भगवान ने सामर्थ दिया है तो चाहे वह हेल्थ हो, एजुकेशन हो, एग्रीकल्चर हो, इंडस्ट्री हो, योग-आयुर्वेद या जो भी क्षेत्र हो, हमारा लक्ष्य है कि इस साल दिसंबर तक यहाँ नॉर्थ ईस्ट का सबसे बड़ा वैलनेस सेंटर भी गुवाहाटी में शुरू कर देंगे। उसके साथ-साथ एक हॉस्पिटल, एक या दो आयुर्वेद और नेचुरोपैथी सेंटर तथा दो मेडिकल कॉलेज भी बनाने का लक्ष्य है।
हमने अपने 4-5‌ साधु असम को ही दान कर दिए हैं, उनको लीड करती हैं हमारी पूज्य साध्वी देवस्वरूप जी। अभी पहले चरण में कम से कम 5000 और बाद में 10000 बच्चों को पढ़ाने का भी काम करेंगे। उनको मॉडर्न एजुकेशन के साथ-साथ अपने सनातन संस्कार देकर हम उनको प्रबोधन देंगे।
हमें असम को आगे लेकर के जाना है। असम को लेकर हमारे भी बहुत बड़े सपने हैं।मैं एक किसान परिवार में पैदा हुआ हूँ। माता-पिता दोनों अनपढ़ हैं, लेकिन मैं एक संकल्प लेकर आगे बढ़ा, कि मुझे देश के लिए कुछ करना है।जैसे मैं आज यहाँ पर पहुँचा हूँ, योग, आयुर्वेद और भारत के हेतु सनातन धर्म का पूरी दुनिया में गौरव बढ़ाया है, आप भी पुरुषार्थ करेंगे तो असम का गौरव बढ़ाने वाले, भारत माता का गौरव बढ़ाने वाले बनेंगे।
हेल्थ के साथ हुए वेल्थ क्रिएशन के इस अनुष्ठान में कृषि मंत्री श्री अतुल वर्मा जी, डॉ. आशीष जी तथा मंच पर उपस्थित महानुभावों ने भी व्याख्यान दिया।

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