अनुभूति आपकी
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माइग्रेन से मुक्ति
स्वामी जी, मैं 2005 जुलाई में रेलवे से सेवानिवृत्त हुआ। इसके पहले मैं लगभग बीस वर्षों से लगातार माइग्रेन से पीड़ित रहा। कभी 15 दिन या कभी एक महीना अन्तर देकर एक तरफ का सिर दर्द पकड़ लेता था और यह चार-पाँच दिनों तक लगातार बना रहता था। दवा खा-खा कर उसी में मैं अपने ड्यूटी का निर्वहन करता रहा। वर्ष 2004 में जुलाई में मेरे आवास पर एक सरकारी टीवी रख दिया गया, जिसके माध्यम से आस्था चैनल पर आपका प्रोग्राम देखा करता था। टीवी पर देखकर ही मैंने प्राणायाम करना शुरू किया, लगभग छ: महीने प्राणायाम करते-करते मुझे माइग्रेन से पूर्णत: मुक्ति मिल गई। उस समय से मैं नियमित रूप से प्राणायाम करता हूँ एवं परिचित लोगों को इसे करने के लिए प्रेरित भी करता रहता हूँ। मेरी उम्र वर्तमान में सत्तर वर्ष है। मैं आपकी कृपा से पूर्णत: स्वस्थ हूँ। अन्त में पुन: कोटिश: नमन।
भवदीय,
रमेश प्रसाद सिंह
सेवानिवृत्त रेलवे अधिकारी,
मोहल्ला-अतरदह रोड नं-2
पोस्ट-रमना, जिला-मुजफ्फरपुर, बिहार, पिन- 842002
योग-प्राणायाम से मिला नया जीवन
परम पूज्य बाबा जी को कोटि-कोटि नमस्कार!
श्री बाबा जी, मैं सिर दर्द से लगभग २५ वर्षों से परेशान था। एक दिन टेलिविज़न में आस्था चैनल में आपका योग का कार्यक्रम देखा, उसी दिन से मैं भस्त्रिका, कपाभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी आरम्भ कर दिया। मुझे पहले ही दिन से सिर दर्द में बहुत आराम मिला। साथ ही पीठ दर्द में भी लाभ शुरू हो गया तो प्राणायाम करने के लिए मैं दृ़ढ़ संकल्पित हो गया। तब से लगातार भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी आदि प्रारंभ है। मुझे योग-प्राणायाम से नया जीवन मिला, मैं अब आपके दर्शन हेतु हरिद्वार अवश्य आऊँगा।
भवदीय,
राम सुख गुप्ता
जैतहरी रोड, वार्ड क्रमांक १०
शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर के पास जिला-अनूपपुर, मध्य प्रदेश
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