स्वास्थ्य समाचार

भास्कर खास चेतना का उच्चतम स्तर: एमआरआई से अध्ययन में मस्तिष्क पर प्रभाव की पुष्टि
आईआईटी-एम्स ने माना... योग निद्रा से नींद नियंत्रित होती है, मन का भटकाव रुकता है; अभ्यास से इसका असर बढ़ा
कई  बड़े योगाचार्य ज्यादा चिंता करने वालों को ध्यान से जुड़े ‘योग निद्रा’ आसन का अभ्यास करने को कहते हैं। सोने व जागने के बीच की इस अवस्था को ‘आध्यात्मिक नींद’ भी कहा जाता है। कई शोध में मानसिक सेहत के लिए इसके खास फायदों को लेकर जानकारी पहले भी आती रही है। हालांकि, अब आईआईटी दिल्ली और दिल्ली एम्स के शोध में भी इसके मस्तिष्क पर पडऩे वाले प्रभावों की पुष्टि हुई है।
आईआईटी, एम्स और महाजन इमेजिंग के एमआरआई के जरिए हुए इस अध्ययन में यह पुष्टि हुई है कि ‘योग निद्रा’ आराम के गहरे अहसास (गहन विश्राम) और चेतना के उच्चतम स्तर पर ले जाती है। इसके अभ्यास से मन के भटकने और नींद नियंत्रित करने की क्षमता बढ़ी। इतना ही नहीं, जिन प्रतिभागियों ने ज्यादा वक्त तक ध्यान व योगाभ्यास किया था, योग निद्रा के दौरान उनके मस्तिष्क की गतिविधियों में अधिक परिवर्तन दिखे। यानी वे मन का भटकाव कम करने में ज्यादा सफल रहे। अध्ययन से जुड़े आईआईटी दिल्ली के प्रो. राहुल गर्ग कहते हैं कि योग निद्रा गहरे अवचेतन मन में दबे संस्कारों को सतह पर लाने और अंतत: उन्हें मुक्त करने में मदद करती है। इससे सेहत सुधरती है।
मस्तिष्क व विश्राम की मुद्रा में है खास संबंध
अध्ययन के लिए दो समूह बनाए गए थे। एक में 30 ऐसे लोग थे जिनके पास कम से कम 3 हजार घंटों के योग का अनुभव था। दूसरे समूह में 31 नए लोग थे। अध्ययन के दौरान मस्तिष्क संचार पैटर्न के अंतर से यह समझने में मदद मिली कि योग निद्रा हमारे मस्तिष्क को कैसे नियंत्रित करती है। टीम से जुड़े डॉ. वैभव त्रिपाठी कहते हैं कि यह अध्ययन ध्यान करने की क्षमता को मापने और अपने ध्यान अभ्यास की गहराई को ट्रैक करने में मदद कर सकता है।
योग निद्रा का अभ्यास... धीरे-धीरे समय बढ़ाएं
  • शवासन में लेट जाएं।
     
  • आंखें बंद करें और अपनी श्वास को स्वाभाविक रहने दें।
     
  • अपने दिमाग को अपने शरीर के अंगों पर घुमाएं। 
     
  • सिर के ऊपर, माथा, भौंहें, आंखें, कान, गाल, नथुने, होंठ, ठुड्डी, गर्दन, छाती, और पेट पर 3-3 सेकंड ध्यान केंद्रित करें। 
     
  • पीछे की ओर दाहिनी पीठ, बाई पीठ, रोड़, कंधे, गर्दन, और सिर पर भी इसी तरह ध्यान केंद्रित करें। 
     
  • गहरी सांस लें। शरीर में आती स्वस्थ तरंगों को महसूस करें। 
     
  • धीरे-धीरे बाहरी वातावरण की ओर ध्यान को ले जाएं। 
     
  • थोड़ी देर बाद दाहिने करवट लेटते हुए, बाई ओर नाक से सांस छोड़ें। इससे शरीर का तापमान सामान्य अवस्था में आ जाएगा। कुछ देर बाद धीरे-धीरे उठकर बैठ जाएं और आंखों को खोलें।
साभार : दैनिक भास्कर
 
हार्ट अटैक से मौत की एक और चौंकाने वाली घटना आयी सामने, फॉर्मासिस्ट की जान गयी
हार्ट अटैक: अब डरा रहे केस
अटैक साइलेंट किलर बनता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के फार्मासिस्ट की मौत हार्ट अटैक से हो गई। यह कार खुद ड्राइव करते हुए ड्यूटी पर जा रहे थे। रास्ते में सीने में तेज दर्द उठा, इससे उन्हें कार को साइड में लगाने का मौका मिल गया लेकिन जान बचाने का कोई इंतजाम नहीं कर पाये, कार की सीट पर ही उन्होंने दम तोड़ दिया। प्रयागराज में इस तरह का यह पहला केस नहीं है। अचानक हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इन घटनाओं से तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं लेकिन फिलहाल जवाब पर कोई बात नहीं हो रही है।
कार ड्राइव करते समय फॉर्मासिस्ट को पड़ा दिल का दौरा, ऑन द स्पॉट हुई मौत, संभलने का भी नहीं मिला मौका
झुंसी के बदरा सोनौटी गांव के सामने बुधवार की सुबह यह घटना घटी। हंडिया के उपरदहा सीएचसी में तैनात फॉर्मासिस्ट प्रमोद कुमार रोजाना की तरह कार चलाकर ड्यूटी पर जा रहे थे। बदरा सौनोटी के सामने उनके सीने में तेज दर्द होने लगा। उन्होंने कार सडक़ किनारे लगा दी और थोड़ी देर में उनकी जान चली गई। सूचना पर पहुंचे झुंसी एसओ ने बॉडी को कब्जे में लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. सुरेश चंद्र यादव को इसकी सूचना दी। केंद्र अधीक्षक ने बताया कि संत कबीर दास नगर के प्रमोद कुमार (45) रोज अपनी कार ड्राइव करके ड्यूटी पर आते थे। उन्होंने पहले इस तरह की कोई शिकायत भी नहीं बतायी थी।
हार्ट अटैक से डराने वाली घटनाएं
खेलते समय गिरे और जान गई
केपी कॉलेज ग्राउंड पर मेजर रंजीत सिंह स्टेडियम 01 में 25 अप्रैल 2024 की मार्निंग बैडमिंटन खेलने पहुंचे खिलाड़ी देव गुलानी की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। वह कीडगंज के रहने वाले थे। कोर्ट पर पहुंचने से पहले उन्होंने रोज की तय एक्सरसाइज भी की थी उनके साथ खिलाड़ी भी कोर्ट पर मौजूद थे। शाट मारते समय वह अचानक कोर्ट पर गिर गये जब तक खिलाड़ी कुछ सोच पाते और उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचते वह दम तोड़ चुके थे।
सोकर उठे और सीने में उठा दर्द
बसपा के पूर्व विधायक मुराया सि‌द्दीकी के बड़े बेटे अब्दुल्ला के साथ भी कुछ ऐसी ही घटना हुई। यह महज 36 साल के थे। मार्निंग में सोकर उठे तो एकदम दुरुस्त थे कुछ देर बाद उन्हें सीने में दर्द की शिकायत हुई परिवार के लोग जब तक उन्हें लेकर डॉक्टर के पास पहुंचते यह दम तोड़ चुके थे।
वकील को मौका ही नहीं मिला
ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला हाई कोर्ट में सामने आया अधिवक्ता को यहां बैठे-बैठे अटैक आया, उस समय वहां तमाम लोग मौजूद थे लेकिन जब तक वह कुछ समझ पाते उनके प्राण पखेरू हो चुके थे।
बैट्री में पानी डालते समय आया
21 नवंबर 2023 की कर्नलगंज में एक बिजली मिस्त्री की बैट्री में पानी डालते समय हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। सुनील भारतीय नाम के इस शख्म की लाश नौकरानी ने देखी तो लोगों को सूचित किया।
दरोगा भी नहीं बच पाये
16 जून 2023 को सिविल लाइंस थाने में तैनात दरोगा राजेश पाठक की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। वह सुबह सोकर उठने के बाद स्नान कर रहे थे तभी सीने में तेज दर्द होने से उसकी मौत हो गई।
डांस करते वक्त चली गई जान
एक ऐसी घटना हुई थी जो रातों रात सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। इस घटना में अपनी साली की शादी की सालगिरह में नाच रहे युवक अमरदीप वर्मा की अचानक मौत हो गई थी। इस घटना का वीडियो काफी वायरल हुआ था। मृतक एक दवा कारोबारी था।
बचाव के तरीके
  • समय समय पर हार्ट का चेकअप कराते रहें
     
  • तले भुने और मसालेदार चीजों से दूरी बनाएं
     
  • शराब और सिगरेट की लत से छुटकारा पाने की कोशिश करें
     
  • सुबह टहलें और ओवर एक्सरसाइज से बचें
     
  • परिवार में अगर हार्ट अटैक की हिस्ट्री है तो डॉक्टर से सलाह लें
     
  • ब्लड में क्लाटिंग होने की आशंका पर जांच कराएं
तेजी से बढ़े मामले
  • एसआरएन की कार्डियोलाजी विभाग की ओपीडी में दो साल में हार्ट अटैक के मामलों में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
     
  • इस दौरान हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की संख्या में 25 फीसदी की बढ़त हुई है।
     
  • कार की सीट पर ही हो गयी फॉर्मासिस्ट की मौत।
     
  • डॉक्टर्स का कहना है कि मरीजों की उम्र का रेशियो भी कम हुआ है।
     
  • 30 से 40 साल के युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामले आ रहे हैं।
एसआरएन अस्पताल प्रयागराज के कार्डियोलाजिस्ट डॉ. मो. शाहिद के अनुसार लाइफ स्टाइल काफी रफ होती जा रही है। मार्निंग वॉक नहीं करना और निमित एक्सरसाइज से दूरी हार्ट अटैक का कारण बन रही है। बाजार में फास्ट फूड का अधिक इस्तेमाल हो रखा है। लोग परंपरागत भोजन से दूरी बना रहे हैं। लक्षणों को लेकर भी लोगों को होशियारी बरतनी चाहिए।
साभार : अमर उजाला
 https://www.inextlive.com/uttar-pradesh/allahabad/heart-attack

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