एक वजीर, एक फकीर की जोड़ी ने योग को किया विश्वपटल पर स्थापित

एक वजीर, एक फकीर की जोड़ी ने योग को किया विश्वपटल पर स्थापित

डॉ. जयदीप आर्य

   यह सत्य है कि योग को अन्तरराष्ट्रीय राजनैतिक मंच की 69वीं यू-एन- जनरल एसेम्बली में भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी ने अपनी शौर्य, साहस भरी हुई ओजस्वी वाणी में विश्व समुदाय को योग की महत्ता को समझाते हुए उसे अपनाने का प्रस्ताव रखा।
   परन्तु यह भी निर्विवादित सत्य है कि विश्व समुदाय द्वारा योग को अपनाये जाने का जो यह वातावरण तैयार हुआ है, उस वातावरण के निर्माण में किसी व्यक्ति विशेष का यदि सबसे अधिक योगदान है, तो वह हिमालय जैसे व्यक्तित्व के धनी, भारतीय सन्यास परम्परा के गौरव योगऋषि परम श्रद्धेय स्वामी रामदेव जी हैं। यह उनके तप का परिणाम है।
   परम श्रद्धेय स्वामी जी ने पिछले 20 वर्षों में, 20 लाख किलोमीटर की यात्रा करके, 20 करोड़ लोगों को योग सिखाया एवं योग के प्रति जागरूकता एवं प्रेम पैदा किया। उन्होंने योग को पहाड़ों की गुफाओं से निकाल कर हर घर के ड्राईंग रूम तक पहुँचा दिया। पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार द्वारा प्रशिक्षित दो लाख योग प्रशिक्षुओं द्वारा लाखों योग शिविरों का आयोजन किया, जिसमें अभ्यास करने वाले योग साधकों ने अनुभव सांझा किया कि योग से उनके जीवन में सकारात्मक, गुणात्मक, रचनात्मक परिवर्तन हुआ है। यही नहीं स्वामी जी महाराज ने जीवन में, समाज में, राष्ट्र एवं विश्व में योग को लोकतान्त्रिक मूल्यों एवं मर्यादाओं का प्रतिपादक एवं रक्षक तत्व के रूप में स्थापित किया। आज यही योग तनाव ग्रस्त, उदासीन, नशे  एवं विलासिता में डूबे हुए लोगों के जीवन को सही दिशा में लाने का आधार बन गया है। इसका एकमात्र श्रेय पूज्य स्वामीजी महाराज को जाता है।
    विश्व की चुनिन्दा नामचीन हस्तियों में शामिल होने के कारण परम पूज्य स्वामी जी महाराज को जून 2007 में यू.एन. महासचिव ने आमंत्रित करके विश्व को गरीबी मुक्त बनाने का ब्राँड एम्बेसडर नियुक्त किया था और स्वामी जी को न्यूयॉर्क के 'स्टैण्ड-अप कार्यक्रममें सम्मानित किया गया। विनम्र-साधक, परम-तपस्वी, कर्मयोगी-सन्यासी, पूज्यपाद योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज विश्व के मंगल अनुष्ठान में अहर्निश संलग्न हैं। उनमें धरती सा धैर्य, अग्नि सा तेज, वायु सा वेग, जल जैसी शीतलता व आकाश जैसी विराटता है। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज को न्यूजर्सी के सीनेट तथा जनरल असैम्बली द्वारा एवं ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ कॉमन्स में सम्मानित किया गया। इंडिया टुडे पत्रिका द्वारा लगातार दो वर्षों से तथा देश की अन्य शीर्ष पत्रिकाओं द्वारा श्रद्धेय स्वामी जी को देश के सबसे ऊँचे, असरदार शक्तिशाली व प्रतिभाशाली पचास लोगों की सूची में सम्मिलित किया गया। एसोचौम द्वारा स्वामी जी महाराज को 'ग्लोबल नॉलेज मिलेनियम ऑनरसम्मान सहित देश विदेशों में सैकड़ों संस्थाओं व सरकारों द्वारा प्रतिष्ठित सम्मानों से सम्मानित किया गया। अभी हरियाणा सरकार द्वारा श्रद्धेय स्वामी जी को हरियाणा प्रान्त का 'योग एवं आयुर्वेद का ब्राँड एम्बेसडरबनाया गया है।
    पतंजलि योगपीठ जो कि एक सामाजिक एवं आध्यात्मिक संस्थान है, जिसने विश्व पटल पर योग को जीवनशैली के रूप में पुनर्जीवित किया है। 1995 से परम श्रद्धेय स्वामी जी महाराज एवं आयुर्वेद शिरोमणि पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महर्षि पतंजलि प्रणीत अष्टांग योग के प्रचार-प्रसार में एवं उसके अनुसन्धान परक शोध कार्य में संलग्न हैं। पतंजलि योगपीठ ने योग को एक चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह संस्था योग, आयुर्वेद, स्वदेशी, वैदिक शिक्षा और आदर्श ग्राम निर्माण जैसे प्रकल्पों के माध्यम से, व्यक्ति को स्वस्थ, निरोगी, निरामय, विवेकशील एवं आत्मनिर्भर बनाने के प्रति सजगता से कार्य कर रही है, जिसके विभिन्न प्रकल्पों से प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप में एक लाख लोग रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। पतंजलि योगपीठ वह संस्थान है जिसने सर्वप्रथम योग को जीवन प्रबन्धन से जोड़ते हुए उसके भौतिक, आध्यात्मिक, सामाजिक, आर्थिक एवं वैश्विक प्रभाव का प्रतिपादन एवं प्रतिष्ठापन किया है।
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के सफल आयोजन में अनेक चुनौतियाँ  थीं, इनमें-
  1. योग के विभिन्न प्रशिक्षण प्रक्रियाओं को एक रूपता प्रदान करना
  2. एक सरल एवं सरस न्यूनतम समय सीमा का योग पाठयक्रम तैयार करना।
  3. उस पाठ्यक्रम- स्टेण्डर्ड प्रोटोकोल का प्रशिक्षण करवाना।
  4. प्रशिक्षण करवाने हेतु वोलेन्टियर्स योग शिक्षकों की ट्रेनिंग करवाना।
  5. 21 जून-अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम में अधिकतम योग साधकों की जनभागेदारी करवाना। जिन्हें मिल-बैठकर दूर किया गया।
    सम्पूर्ण विश्व में योग दिवस उल्लास, उमंग व उत्साह से मनाया जाये, भारत सरकार सहित विभिन्न योग संस्थान एवं उनके कार्यकर्त्ता ऐसा प्रयास कर रहें हैं, परन्तु सम्पूर्ण विश्व में योग के आसन, प्राणायाम का सरल प्रशिक्षण हो एवं उसमें भी अधिक महत्त्वपूर्ण कि 21 जून को सब एक जैसी लयबद्ध योग प्रस्तुति कर पायें, इस दृष्टिकोण से योग के संस्थानों की एक विशेषज्ञ कमेटी का मार्च, 2015 में गठन किया गया।
    भारत सरकार द्वारा गठित योग विशेषज्ञ समिति में कई बार चर्चाओं पर गहन मंथन के उपरान्त पतंजलि योगपीठ हरिद्वार एवं अन्य योग संस्थानों द्वारा गम्भीर चिन्तन कर योग दिवस के सफल आयोजन हेतु एक सरल रोचक एवं मात्र 35 मिनट के योग प्रोटोकोल का निर्धारण किया गया। यूं तो इस कार्यक्रम के सफल आयोजन एवं उसकी चुनौतियों को स्वीकार करने के लिये माननीय नरेन्द्र भाई मोदी के नेतृत्व में सम्पूर्ण सरकार मनोभाव से कार्य में जुटी हुई है। परन्तु श्रद्धेय स्वामी रामदेव जी महाराज व श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज, श्री श्री रविशंकर जी, स्वामी चिदांनन्द मुनि जी, श्री जग्गी वासुदेव जी के मार्गदर्शन में बहन सुषमा स्वराज जी, माननीय विदेश मंत्री एवं श्री श्रीपाद नायक, माननीय आयुष राज्यमंत्री एवं आयुष विभाग के नेतृत्त्व में श्री डॉ. नागेन्द्र जी, एस. व्यास विश्वविद्यालय, डॉ. ईश्वर बसवरेड्डी जी, श्री ओ.पी. तिवारी जी, श्री सन्याल जी, श्री अनिल गनेरीवाला व श्री श्रीवास्तव जी, डॉ. चिन्मय पंडया जी, डॉ. जी.डी. शर्मा इत्यादि का विशेष योगदान रहा।
    केन्द्र सरकार के पहल पर हृ.ष्ट.ष्ट, हृ.स्.स् के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने के लिये जब योग प्रशिक्षकों की आवश्यकता थी। विभिन्न राज्य एवं केन्द्रीय संस्थानों ने जब प्रशिक्षण हेतु योग शिक्षकों की मांग की। तब केन्द्र सरकार ने कुछ जगह तो मानदेय पर प्रशिक्षक नियुक्त करने की योजना बनायी, परन्तु बड़ी संख्या में आवश्यकता होने पर एवं सीमित बजट होने के कारण सरकारी संस्थानों ने पतंजलि योगपीठ से सहयोग करने को कहा। ऐसे में श्रद्धेय स्वामी जी एवं श्रद्धेय आचार्य जी के निर्देशों पर उत्तराखण्ड, ओडिशा, कर्नाटक, पूर्वोत्तर भारत में योग शिक्षक तत्काल उपलब्ध कराये गये, परन्तु अब बढ़ती मांग को देखते हुए साथ ही अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के लिये निर्धारित प्रोटोकोल के प्रशिक्षण हेतु अलग से आवश्यक 10 हजार वोलेंटियर की पूर्ति हेतु युवाओं के 7-७ दिवसीय विशेष योग प्रशिक्षण शिविर प्रारम्भ किये गये।
   इसी क्रम में पतंजलि योगपीठ द्वारा प्रशिक्षित 2 लाख योग शिक्षकों को विश्वभर में कार्य करने हेतु निर्देशित कर दिया गया है। साथ ही संस्थान द्वारा प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए लाखों भाई-बहनों को सम्पूर्ण विश्व में योग के इस विराट कार्यक्रम में जनभागेदारी करवाने हेतु भी निर्देशित किया गया है। विदेशों में लगभग ग्यारह हजार तथा देश में एक लाख छोटे-बड़े कार्यक्रमों के माध्यम से २१ जून को यह योग महोत्सव मनाया जायेगा।
   विदेशों में पतंजलि योग समिति विशेषत: अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इंग्लैण्ड, इटली, जर्मनी, ऑस्ट्रिया इत्यादि में माता सुनीता पोद्धार एवं श्री दर्शन सोहल जी, अमेरिका आदि देशों में भाई शेखर अग्रवाल जीप्रभावी कार्यक्रम की योजना बना रहे हैं। कनाडा में डॉ. गगन भल्ला, उमा भल्ला जी, अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, मॉरिशस आदि क्षेत्रें में भाई ठक्कर जी, पटेल जी व अभिषेक यादव जी एवं नेपाल में भाई लवदेव मिश्रा जी कर्मठता से यह सेवा दायित्व सम्भाल रहे हैं।
   भारत में हरियाणा एवं छत्तीसगढ़ की राज्य सरकारों ने पतंजलि योगपीठ के साथ मिलकर इस अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस को दिव्यता एवं भव्यता से मनाने का संकल्प लिया है।
   राजपथ पर होने जा रहे भारत के मुख्य कार्यक्रम में पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज को विदेश मंत्री बहन सुषमा स्वराज द्वारा आमंत्रित किया गया है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पूज्य स्वामी जी ने इस वर्ष 21 जून, 2015 से 20 जून, 2016 तक एक वर्ष के इस काल खण्ड में मोटापा-डायबिटिज आदि रोगों से रोकथाम-निवारण हेतु विशेष अनुसंधान परक योग शिविरों के आयोजनों की घोषणा की गयी है। इन शिविरों के माध्यम से धरती माँ पर से  एक करोड़ किलो ग्राम के लगभग का वजन कम करने का ध्येय निर्धारित किया गया है।
    इसी प्रकार जनभागीदारी करने तथा योग के प्रति एक वातावरण निर्माण करने के उद्देश्य से भारत स्वाभिमान के युवाओं को विशेष रूप से योग प्रतियोगिताओं के आयोजन का लक्ष्य प्रदान किया गया है। आइये हम सब इस महा अनुष्ठान में प्राणप्रण से जुड़कर दिव्यता को आत्मसात करें।

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